पश्चिम बंगाल में जीत का बरसों पुराना सपना सच करने का प्रयास कर रही भाजपा

By भाषा | Updated: March 21, 2021 13:05 IST2021-03-21T13:02:52+5:302021-03-21T13:05:55+5:30

पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल जीतना हमारी पार्टी का बहुत पुराना सपना है और जनसंघ के जमाने से हम इसमें लगे हुए हैं। राज्य में हमारी विचारधारा का विस्तार करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।

BJP trying to make the old dream of victory in West Bengal come true | पश्चिम बंगाल में जीत का बरसों पुराना सपना सच करने का प्रयास कर रही भाजपा

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsवर्तमान राज्य सरकार के प्रति असंतोष, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, कथित घुसपैठ और विपक्ष का कमजोर होना ऐसे कारण रहे जिनसे आठ साल के भीतर ही भाजपा को फायदा हुआ।भाजपा की यह जीत पार्टी को उन राज्यों में भी बेहतर स्थिति पर लाकर खड़ा कर सकती है, जहां भाजपा ने पिछले दो लोकसभा चुनाव में अधिकतम सीटें जीती हैं।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में वर्तमान सरकार के खिलाफ व्याप्त असंतोष और पहचान की राजनीति के बलबूते भारतीय जनता पार्टी राज्य की सत्ता पर काबिज होने के अपने दशकों पुराने सपने को सच करने का प्रयास कर रही है। भाजपा के लिए इस विधानसभा चुनाव में बहुत कुछ दांव पर है क्योंकि बंगाल में मिली जीत पार्टी को एक ऐसे राज्य में अपनी विचारधारा का विस्तार करने का अवसर देगी जो एक दशक पहले तक वामदलों का अभेद्य गढ़ था।

इसके अलावा यह जीत पार्टी को उन राज्यों में भी बेहतर स्थिति पर लाकर खड़ा कर सकती है, जहां भारतीय जनता पार्टी ने पिछले दो लोकसभा चुनाव में अधिकतम सीटें जीती हैं और जनता में पहले से ही राज्य सरकारों के प्रति असंतोष है। रोचक बात यह है कि 27 मार्च से शुरू होने वाले चुनाव में पार्टी की पराजय भी उसकी जीत ही मानी जाएगी क्योंकि तब भाजपा बंगाल में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रति असंतोष को दरकिनार करने में कामयाब होगी और वामदलों तथा कांग्रेस को हाशिये पर भेजकर खुद को एक सशक्त राजनीतिक दल के तौर पर पेश कर सकेगी।

वर्तमान राज्य सरकार के प्रति असंतोष, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, कथित घुसपैठ और विपक्ष का कमजोर होना ऐसे कारण रहे जिनसे आठ साल के भीतर ही भाजपा को फायदा हुआ और पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 42 में से 18 सीटें मिली थीं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो कमजोर संगठन, स्थानीय बनाम बाहरी का विमर्श और ममता बनर्जी के सामने मुख्यमंत्री के तौर पर एक मजबूत नेता का चेहरा न होने से भाजपा को सत्ता में आने में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।

वर्ष 2011 में जब ममता बनर्जी सत्ता में आई थीं तब भाजपा को चार प्रतिशत मत मिले थे जो 2019 में बढ़कर 40 प्रतिशत हो गए। भाजपा “बाहरी” होने और बंगाली संस्कृति को न समझने आरोपों के बीच वह राज्य में सरकार बनाने और 294 में से 200 से अधिक विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करने के प्रति आश्वस्त है।

पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “पश्चिम बंगाल जीतना हमारी पार्टी का बहुत पुराना सपना है और जनसंघ के जमाने से हम इसमें लगे हुए हैं। राज्य में हमारी विचारधारा का विस्तार करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। पूर्व में बंगाल सबसे महत्वपूर्ण मोर्चा है।” वरिष्ष्ठ भाजपा नेता तथागत रॉय का कहना है कि यदि पश्चिम बंगाल में पार्टी सत्ता में आती है तो यह राजनीतिक विजय से ज्यादा वैचारिक जीत होगी क्योंकि राज्य को हमेशा से वाम गढ़ माना जाता रहा है। 

Web Title: BJP trying to make the old dream of victory in West Bengal come true

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे