असम में भाजपा तो तमिलनाडु में द्रमुक मजबूत, बंगाल व केरल में होगा नजदीकी मुकाबलाः सीएसडीएस

By भाषा | Updated: March 7, 2021 12:10 IST2021-03-07T11:58:37+5:302021-03-07T12:10:39+5:30

पश्चिम बंगाल में 27 मार्च को होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए केन्द्रीय बलों की 415 कंपनियों को तैनात किया जायेगा।

assembly election BJP in Assam, DMK strong in Tamil Nadu, Bengal and Kerala will be close contests: Sanjay Kumar | असम में भाजपा तो तमिलनाडु में द्रमुक मजबूत, बंगाल व केरल में होगा नजदीकी मुकाबलाः सीएसडीएस

केंद्रीय बलों की प्रत्येक कंपनी में 100 कर्मी होते हैं।

Highlights पहले चरण में, पांच जिलों में 30 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे।पुरुलिया में 3,127 बूथ, बांकुरा में 1,328, पूर्व मेदिनीपुर में 2,437 और पश्चिम मेदिनीपुर में 2,089 बूथ होंगे।केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की शेष 215 कंपनियां अगले कुछ दिनों में राज्य में पहुंचेंगी।

नई दिल्लीः असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों के लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। किसान आंदोलन और पश्चिम बंगाल में भाजपा के उभार की पृष्ठभूमि में ये चुनाव खासे अहम हैं। इन चुनावों के विभिन्न बिंदुओं पर ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज’ (सीएसडीएस) के निदेशक संजय कुमार से ‘भाषा’ के पांच सवाल और उनके जवाब:

सवाल : चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित हो चुकी है, ऐसे में फिलहाल किस तरह की राजनीतिक तस्वीर दिख रही है?

जवाब: असम में भाजपा की स्थिति मजबूत दिखाई देती है क्योंकि कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव की हार के बाद वहां उबर नहीं सकी है। तरूण गोगोई के निधन के बाद कांग्रेस में कोई मजबूत नेता उभर नहीं सका है। तमिलनाडु में सत्ता परिवर्तन का संकेत मिलता है। वहां द्रमुक अच्छी स्थिति में दिखाई दे रही है। पुडुचेरी में अन्नाद्रमुक और भाजपा के गठबंधन को बढ़त दिख रही है।

केरल में पिछले चार दशक में कोई भी सरकार सत्ता में वापसी नहीं कर पाई। इस हिसाब से विपक्षी यूडीएफ को सत्ता में आना चाहिए, लेकिन कुछ महीने पहले हुए स्थानीय निकाय के चुनाव में सत्तारूढ़ एलडीएफ ने जीत हासिल की। दूसरी तरफ, भाजपा का जनाधार भी बढ़ेगा जिससे यूडीएफ को ज्यादा नुकसान होगा। ऐसे में केरल में अभी तस्वीर साफ नहीं है।

पश्चिम बंगाल में चुनाव बहुत दिलचस्प और कांटे का है। ऐसे में स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है कि कौन जीतेगा। लेकिन फिलहाल तृणमूल कांग्रेस को बढ़त दिख रही है।

 

सवाल : सबकी निगाहें पश्चिम बंगाल पर हैं और भाजपा पूरा प्रयास कर है, फिर यह कैसे कहा जा सकता है कि वहां तृणमूल को फिलहाल बढ़त है?

जवाब : इसमें कोई दो राय नहीं कि पश्चिम बंगाल में भाजपा का जनाधार बढ़ा है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि भाजपा लोकसभा में मिले 40 फीसदी वोटों से अधिक वोट इस बार हासिल कर पाएगी। लोकसभा चुनाव के मुकाबले तृणमूल कांग्रेस के वोटों में गिरावट होने के आसार बहुत कम हैं।

अमूमन यह देखा गया है कि लोकसभा चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनावों में भाजपा के वोट में 15-20 फीसदी की गिरावट हुई है, हालांकि पश्चिम बंगाल में ऐसा नहीं लगता कि उसके वोट में इस तरह की कोई गिरावट होगी। लेकिन अगर भाजपा लोकसभा की तरह प्रदर्शन करती भी है तो भी उसका जीत पाना मुश्किल है। वहां चुनाव पूरी तरह से ममता बनर्जी पर केंद्रित है जो तृणमूल के लिए फायदेमंद भी हो सकता है।

 

सवाल : देश में विपक्ष, खासकर कांग्रेस के लिहाज से इन चुनावों के क्या मायने हैं?

जवाब : कांग्रेस जरूर कमजोर है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक मजबूत हैं। अगर हर राज्य के लिए भाजपा को सत्तारूढ़ मान लें तो विपक्ष इन राज्यों में कमजोर नहीं है। कांग्रेस के लिए पश्चिम बंगाल में कुछ नहीं है और तमिलनाडु में भी उसकी भूमिका सीमित है।

कांग्रेस के लिए असम और केरल महत्वपूर्ण हैं। अगर केरल में यूडीएफ नहीं जीत पाती है तो कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका होगा।

 

सवाल : महंगाई और किसान आंदोलन का इन चुनावों में क्या असर होता दिख रहा है?

जवाब : इन राज्यों में किसान का मुद्दा मुझे नहीं दिखाई दे रहा है। अगर पश्चिम बंगाल और असम में भाजपा जीत हासिल कर लेती है तो वह यह जरूर कहेगी कि किसान उसके साथ हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमत का मुद्दा इन चुनावों में कुछ हद तक उठ सकता है। लेकिन स्थानीय मुद्दे हावी होंगे।

 

सवाल : क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘फैक्टर’ इन चुनावों में एक बार फिर भाजपा के लिए निर्णायक रहेगा?

जवाब : प्रधानमंत्री मोदी भाजपा के लिए बड़ी पूंजी हैं और इस बार भी होंगे। उनका इस्तेमाल भाजपा अपने विमर्श और रणनीति के हिसाब से करेगी। वह प्रचार हर जगह करेंगे, लेकिन प्रधानमंत्री के चुनाव प्रचार का फोकस सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल पर होगा।

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