Bihar Ki Taja Khabar: प्रवासी मजदूरों पर सियासत जारी, तेजस्वी यादव के बाद नीतीश कुमार का ऐलान, सरकार देगी किराया

By एस पी सिन्हा | Updated: May 4, 2020 15:08 IST2020-05-04T15:08:48+5:302020-05-04T15:08:48+5:30

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने धन्यवाद दे रहे हैं, क्योंकि हमलोगों के सुझाव ट्रेन चलाने की मांग को स्वीकार कर लिया है.

bihar Ki Taja Khabar: Politics continues on migrant laborers, Nitish Kumar declares after Tejashwi Yadav, government will pay rent' | Bihar Ki Taja Khabar: प्रवासी मजदूरों पर सियासत जारी, तेजस्वी यादव के बाद नीतीश कुमार का ऐलान, सरकार देगी किराया

प्रवासी मजदूरों पर गरमायी सियासत पर सीएम नीतीश कुमार का बयान (फाइल फोटो)

Highlights मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार आने पर मजदूरों को कोई पैसा नहीं लिया जा रहा है. कोटा से जो छात्र आ रहे हैं. उनसे पैसा नहीं लिया जा रहा है.

पटना: आप्रवासी कामगारों को बिहार लाने को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. राज्य में आप्रवासियों के किराया पर लेकर सियासत जारी है. बिहार सरकार पर विपक्ष कई आरोप लगा रहा है. उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सफाई दी है कि बिहारियों को लाने के लिए राज्य सरकार रेलवे को पैसा दे रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार आने पर मजदूरों को कोई पैसा नहीं लिया जा रहा है. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने धन्यवाद दे रहे हैं, क्योंकि हमलोगों के सुझाव ट्रेन चलाने की मांग को स्वीकार कर लिया है. यही कारण है कि ट्रेनें से मजदूर और छात्रों को लाने का सिलसिला जारी हो गया है. कोटा से जो छात्र आ रहे हैं. उनसे पैसा नहीं लिया जा रहा है. जो भी बिहारी मजदूर आ रहे उनसे भी पैसा नहीं लिया जा रहा है. वह जिस स्टेशन पर उनकी ट्रेन आएगी तो पूरी जांच करने के बाद उनके प्रखंड तक भेजा जाएगा. वहां पर 21 दिन का क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. 

यहां उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने आप्रावासी मजदूरों से रेल किराया लिये जाने का मामला उठाते हुए अपनी तरफ बिहार सरकार को 50 ट्रेनें देने को ऐलान किया है. इसके बाद ही सियासत गर्मा गई है. तेजस्वी ने यह भी कहा है कि 2008 में कोसी नदी में आई बाढ के दौरान तत्‍कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने मुफ्त में ट्रेनें चलाई थीं.

उस वक्‍त भी मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ही थे. उन्होंने आरोप लगया है कि केंद्र एवं राज्य की गरीब विरोधी सरकारें घर लौटने के लिए तैयार कामगारों के किराए का भार नहीं उठा रही है. इसलिए राजद उक्‍त ट्रनों का किराया देगा. आज एक के बाद एक कई ट्वीट कर उन्होंने मजदूरों को वापस लाने को लेकर बिहार सरकार पर निशाना साधा है. 

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि ''राष्ट्रीय जनता दल शुरुआती तौर पर बिहार सरकार को अपनी तरफ से 50 ट्रेन देने को तैयार है. हम मजदूरों की तरफ से इन 50 रेलगाडियों का किराया असमर्थ बिहार सरकार को देंगे. सरकार आगामी 5 दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करें, पार्टी इसका किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफर करेगी. वहीं, अपने पिता लालू प्रसाद यादव के केंद्रीय रेल मंत्री के कार्यकाल का हवाला देते हुए तेजस्‍वी ने कहा कि 2008 में जब कोसी नदी की बाढ में लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हुआ था, तब उन्‍होंने फ्री में ट्रेन चलाई थीं. बिहार के मात्र चार-पांच जिलों के लिए ही केंद्र से एक हजार करोड रुपये का पैकेज दिलवाया था. मुख्यमंत्री राहत कोष में भी 90 करोड दिलवाया था और खुद भी एक करोड की मदद दी थी. बिहार में उस वक्त भी नीतीश कुमार की ही सरकार थी. किंतु अब की स्थिति सामने है. 
 

 

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