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पैरालिसिस अटैक के लक्षण : दौरा पड़ने पर तुरंत अपनाएं ये घरेलू उपाय

By संदीप दाहिमा | Updated: February 7, 2022 20:50 IST

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लकवा के लक्षणों में तंत्रिका तंत्र प्रभावित होने के अलावा मूड में बदलाव होना, व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन, कुछ समय के लिए चेतना का भ्रम महसूस होना, याददाश्त क्षमता प्रभावित कम होना, सोचने, बात करने, समझने, लिखने या पढ़ने में कठिनाई होना और सुन्न होना आदि शामिल हैं। इनके अलावा लकवा के लक्षण शरीर के अन्य अंगों के लक्षणों से जुड़े हो सकते हैं जिसमें, कब्ज, दस्त, बुखार, बहरापन, दृष्टि की हानि या दृष्टि में परिवर्तन, उल्टी या मतली, गर्दन दर्द, गंभीर सिरदर्द होना शामिल हैं।
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लकवे का कारण- ऐसा होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं और बढ़ती उम्र में इसके होने की आशंका और अधिक बढ़ जाती है। मांसपेशियों की दुर्बलता और मानसिक दुर्बलता के करना भी लकवा होने की संभावना रहती है। बढ़ता हुआ रक्तचाप और उलटी सामान्य से अधिक होना व साथ में दस्त का लगातार होना भी लकवे का मुख्य करना हो सकता है।
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अचानक मस्तिष्क के किसी हिस्से मे खून का दौरान रुक जाता है या मस्तिष्क की कोई रक्त वाहिका फट जाती है और मस्तिष्क की कोशिकाओं के आस-पास खून एकत्र हो जाता है ऐसी अवस्था में शरीर के किसी भी हिस्से में लकवा हो सकता है।
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हल्दी का काढ़ा - जिस व्यक्ति को लकवा पड़ा है उसे हल्दी का काढ़ा बनाकर पिला दें। इससे लकवे का दौरा बंद हो जाएगा। हल्दी का काढ़ा आयुर्वेद की प्राचीन पुस्तकों में पाए जाने वाले सबसे शक्तिशाली और महत्वपूर्ण मसाले में से एक हल्दी है। बच्चों से लेकर वयस्कों तक हल्दी दूध सभी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए सलाह दी जाती है।
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लकवा रोग को दूर करने का एक और इलाज मौजूद है, जो पूर्ण रूप से प्राकृतिक है। इसके अनुसार पीड़ित रोगी को प्रतिदिन नींबू पानी का एनिमा लेकर अपने पेट को साफ करना चाहिए और रोगी व्यक्ति को ऐसा इलाज कराना चाहिए जिससे कि उसके शरीर से अधिक से अधिक पसीना निकले। क्योंकि पसीना इस रोग को काटने में सहायक होता है।
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लकवा रोग से पीड़ित रोगी यदि बहुत अधिक कमजोर हो तो रोगी को गर्म चीजों का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। इससे उसे रोग से लड़ने की शक्ति मिलेगी। लेकिन पैरालिसिस के जिन रोगियों को उच्च रक्तचाप की समस्या है, वे गर्म चीजों से पूरी तरह से परहेज करें।
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लकवा रोग को काटने के लिए लकवा रोग से पीड़ित रोगी के पेट पर गीली मिट्टी का लेप करना चाहिए। यदि रोजाना ना हो सके, तो एक दिन छोड़ कर यह उपाय जरूर करना चाहिए। इसके उसके बाद रोगी को कटिस्नान कराना चाहिए। यदि यह इलाज प्रतिदिन किया जाए, तो कुछ ही दिनों में लकवा रोग ठीक हो जाता है।
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