1 / 9आयुर्वेद में इसे बुखार की सर्वोत्तम औषधि माना गया है। गिलोय की पत्तियों और तनों से सत्व निकालकर इस्तेमाल में लाया जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है। यह स्वाद में थोड़ा कड़वा होता है। अगर आप सुबह उठ कर इसकी छोटी सी डंडी को चबाकर खाएंगे, तो आपके लिए ये संजीवनी की तरह काम करेगी। 2 / 9इसमें सूजन कम करने, शुगर नियंत्रित करने, गठिया, दमा और खांसी से लड़ने की क्षमता होती है। यह उल्टी, बेहोशी, कफ, पीलिया, सिफलिस, एलर्जी सहित अन्य त्वचा विकार से लड़ने में भी सहायक है। 3 / 9इसके अलावा यह चर्म रोग, कमजोरी, गले का संक्रमण, खांसी, जुकाम, बुखार, टाइफायड, मलेरिया, डेंगू, पेट के कीड़े, सीने में जकड़न, जोड़ों में दर्द, रक्त विकार, निम्न रक्तचाप, टीबी, लीवर, किडनी, मूत्र रोग, डायबिटीज, गैस, खून की कमी, पीलिया और कुष्ठ रोग से भी बचाने में सहायक है। 4 / 9माना जाता है कि गिलोय की पत्तियों का भूख बढ़ाने वाली पाकृतिक औषधि के रूप में खूब प्रयोग होता है। इसे नीम और आंवला के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी रोग जैसे एग्जिमा और सोराइसिस से राहत मिल सकती है। 5 / 9जिन लोगों को पाइल्स यानि बवासीर की बीमारी है। उन्हें गिलोय के एक चम्मच चूर्ण को छाछ में मिलाकर लेना चाहिए। इससे खून आना बंद होगा। साथ ही दर्द में भी आराम मिल सकता है। 6 / 9गिलोय का प्रयोग सांप या अन्य जहरीले जानवर के काटने पर शरीर में फैले विष को निकालने में भी किया जाता है। इसके लिए गिलोय की जड़ को पीसकर व्यक्ति को उसका रस पिलाना चाहिए। ऐसा करने से रोगी को उल्टी होगी। नतीजतन शरीर में मौजूद सारा जहर निकल जाएगा।गिलोय का प्रयोग सांप या अन्य जहरीले जानवर के काटने पर शरीर में फैले विष को निकालने में भी किया जाता है। इसके लिए गिलोय की जड़ को पीसकर व्यक्ति को उसका रस पिलाना चाहिए। ऐसा करने से रोगी को उल्टी होगी। नतीजतन शरीर में मौजूद सारा जहर निकल जाएगा।7 / 9गिलोय का उपयोग जोड़ों एवं गठिया के दर्द में भी बहुत लाभकारी है। इसके लिए गिलोय के तने का चूर्ण रोजाना दूध में मिलाकर पीना चाहिए। इससे हड्डियां मजबूत होंगी।8 / 9गिलोय पुरानी खांसी को जड़ से खत्म करने में भी कारगर है। इसके इस्तेमाल के लिए दो चम्मच गिलोय का रस हर रोज सुबह पिएं। ऐसा करने से समस्या दूर हो जाएगी। अगर किसी को वायरल बुखार हो गया हो तो इसके लिए आधे गिलास पानी में 3 इंच गिलोय का तना कुट कर अच्छी तरह मिला लें और सुबह इसे छान पी लें। 9 / 9गिलोय का प्रयोग रक्त शोधक के तौर पर भी होता है। इसलिए गिलोय को पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। अब इसे छानकर शहद और मिश्री के साथ मिलाकर सुबह-शाम पिएं, इससे खून साफ हो जाएगा।