Copper Water: तांबे के बर्तन में पानी पीने से होते हैं ये 6 फायदे, लीवर और किडनी के लिए है लाभदायक By संदीप दाहिमा | Published: October 4, 2020 06:18 AM 2020-10-04T06:18:04+5:30 2020-10-04T06:18:04+5:30
Next Next नियमित रूप से तांबे के बर्तन में पानी पीने से शरीर के जहरीले तत्व बाहर निकाले जा सकते हैं और पेट की सफाई होती है। इसे शुद्ध माना जाता है क्योंकि यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है।इस पानी को कम से कम 8 घंटे तक तांबे के बर्तन में रखा जाना चाहिए।
एक अध्ययन के अनुसार तांबे के पात्र में जल रखने से इसकी अशुद्धियों को भी कम किया जा सकता है। अध्ययन में पाया गया कि 16 घंटे तक इस धातु के पात्र में पानी रखने से उसमें मौजूद ज्यादातर जीवाणु मर गए। उस पानी में विशेष रूप से मौजूद ‘पेचिश के विषाणु’ और ‘ई-कोलाई’ के अमीबा तो पूरी तरह समाप्त हो गए।
आयुर्वेद में तांबे की मदद से औषधियों का निर्माण भी किया जाता है। यह पेट के रोग, ज्वर, लीवर रोग, हिचकी, अफारा, अतिसार, पीलिया, हैजा और किडनी की पथरी के लिए फायदेमंद है।
तांबे में रखे पानी को पीने से कैंसर की समस्या से लड़ने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है। शरीर के घाव आंतरिक हो या बाहरी हो वह जल्दी ही भरने में मदद करने में काफी मददगार साबित होता है।
इसके अलावा लीवर और किडनी को स्वस्थ रखता है और किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से निपटने में तांबे के बर्तन में रखा पानी लाभदायक होता है। यह शरीर की आंतरिक सफाई के लिए बेहतर होता है।
लोग अक्सर इस पानी के इस्तेमाल में एक असावधानी बरतते हैं। ज्यादातर घरों में इसके स्वास्थ्य लाभ देखते हुए तांबे के जग या ग्लास में पानी रखकर उसे पिया जाता है, लेकिन ध्यान यह रखें कि इस बरतन को कभी भी जमीन पर न रखें वरना आपको इसका कोई भी लाभ नहीं मिलेगा। कॉपर या तांबे के बर्तन की ठीक से सफाई न करने से कॉपर ऑक्साइड की परत जमने लगती है. ऐसी स्थिति में तांबे के बर्तन में पानी पीना नुकसान देने वाला होता है।