1 / 5अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया दो पैसे की गिरावट के साथ 83.12 (अस्थायी) प्रति डॉलर के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। इस गिरावट का कारण कच्चे तेल के दाम में तेजी तथा विदेशी निवेशकों का बिकवाली दवाब है। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने के कारण रुपये में नकारात्मक रुझान के साथ कारोबार हो सकता है। 2 / 5अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.10 पर खुला। दिन में कारोबार के दौरान यह 83.05 से 83.13 के दायरे में घूमने के बाद अंत में अपने पिछले बंद भाव से दो पैसे टूटकर 83.12 प्रति डॉलर के नये सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। 3 / 5पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक पैसे की गिरावट के साथ 83.10 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस गिरावट का कारण घरेलू शेयर बाजार में कमजोर रुख तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी है। 4 / 5कच्चे तेल मूल्यों में आई तेजी और विदेशी निवेशकों के बिकवाली दबाव के कारण रुपये में गिरावट आई। बीएनपी परिबा बाई शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि हालांकि अमेरिकी डॉलर में कमजोर रुख तथा घरेलू बाजार में तेजी से गिरावट पर कुछ अंकुश लगा। चीनी केंद्रीय बैंक के अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए प्रमुख ब्याज दर को 0.10 प्रतिशत घटाकर 3.45 प्रतिशत करने के बाद अमेरिकी डॉलर में गिरावट आई। 5 / 5इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत घटकर 103.23 रह गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.64 प्रतिशत बढ़कर 85.34 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर कारोबार कर रहा था। वहीं बीएसई सेंसेक्स 267.43 अंक की तेजी के साथ 65,216.09 अंक पर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को 266.98 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।