जानें नए इनकम टैक्स स्लैब में क्या है फायदा-नुकसान, इस वर्ग के टैक्सपेयर्स के पास है ये खास रियायतें
By स्वाति सिंह | Published: February 19, 2020 01:58 PM2020-02-19T13:58:56+5:302020-02-19T13:58:56+5:30
Income Txa Slab: नए इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक, 5 लाख से 7.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को अब 20 फीसदी के मुकाबले सिर्फ 10 फीसदी की दर से ही टैक्स चुकाना होगा। लेकिन इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि टैक्सपेयर्स पुराने टैक्स स्लैब से नए स्लैब में जा सकते हैं और वे नए स्लैब से फिर पुराने स्लैब में वापस आ सकते हैं।
1 फरवरी को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने नए टैक्स स्लैब का ऐलान किया था। नए इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक, 5 लाख से 7.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को अब 20 फीसदी के मुकाबले सिर्फ 10 फीसदी की दर से ही टैक्स चुकाना होगा। वहीं, जिनकी सालाना आय 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपए तक है, उन्हें सिर्फ 15 फीसदी की दर से ही टैक्स भरना होगा। हालांकि, अगर आप नई दरों से कर अदायगी करते हैं तो आपको टैक्स में मिलने वाली करीब 70 रियायतों को छोड़ना पड़ेगा।
नई इनकम टैक्स स्लैब की दरें-
0-5 लाख तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं
2.5 – 5 लाख सालाना कमाई पर- 5%
5-7.5 लाख सालाना आय पर- 10%
7.5 – 10 लाख तक की सालाना आय पर- 15%
10 – 12.5 लाख की सालाना आय पर - 20%
आपको बता दें कि पहले सरकार की तरफ से बीमा, निवेश, घर का रेंट, मेडिकल, बच्चों की स्कूल फीस जैसी कुल 100 रियायतें दी गई थीं जबकि अब नए टैक्स स्लैब में 70 रियायतों को खत्म कर दिया गया है। इस तरह से यदि आप पहले इन रियायतों का फायदा उटाते थे तो टैक्स स्लैब में बदलाव के बाद यदि आप टैक्स में बचाव करना चाहते हैं तो ये फायदे आपको छोड़ने होंगे। वहीं, नए टैक्स स्लैब में टैक्स पेयर्स को अलग-अलग फायदे के लिए अलग-अलग तरीके से चुन सकते हैं।
-डिपॉजिट पर होने वाली ब्याज आय
-फिक्सड डिपॉजिट (FD)
- नौकरी करने वालों का स्टैंडर्ड डिडक्शन (50 हजार रुपये)
- लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA)
- हाउस रेंट अलाउंस (HRA)
-मेडिकल और इंश्योरेंस के खर्च
-दिव्यांगों के इलाज पर टैक्स छूट
-दिव्यांगों के खर्चें पर टैक्स छूट
- एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट
-इलेक्ट्रिक व्हीकल पर टैक्स छूट
पहले की टैक्स दर
पुराने टैक्स स्लैब के मुताबिक 2.5-5 लाख रुपये की सालाना कमाई पर 5 फीसदी टैक्स देना होता है। इसी तरह 5-10 लाख रुपये पर 20 फीसदी जबकि 10 लाख और उससे अधिक की कमाई पर 30 फीसदी टैक्स का प्रावधान है।
इसके साथ ही 5 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर रीबेट यानी छूट दी गई थी। इस छूट का लाभ तभी पाया जा सकता है जब आप रिर्टन भरें।अगर 5 लाख सालाना कमाई है और आप रिटर्न नहीं भरते हैं तो आयकर विभाग का नोटिस आ सकता है।
अपनी सुविधा के आधार पर स्विच कर सकते हैं इनकम टैक्स स्लैब
लेकिन इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि टैक्सपेयर्स पुराने टैक्स स्लैब से नए स्लैब में जा सकते हैं और वे नए स्लैब से फिर पुराने स्लैब में वापस आ सकते हैं। हालांकि यह छूट बस कुछ वर्ग के टैक्सपेयर्स के लिए ही है। नौकरीपेशा नये स्लैब में जाकर वापस आ सकते हैं। नौकरीपेशा हर वित्त वर्ष में टैक्स स्लैब स्विच कर सकते हैं। जिनकी सैलेरी, किराये या अन्य सोर्स से आय है, वे हर बार टैक्स स्लैब बदल सकते हैं। लेकिन अगर आप बिजनेस करते हैं तो आप सिर्फ एक बार शिफ्ट कर सकते हैं। बिजनेसमैन एक बार स्विच करने पर वापस नहीं आ सकते।