हैंडबॉल को छोड़ हॉकी को अपनाने से जिंदगी बदल गयी: उदिता

By भाषा | Updated: June 28, 2021 13:10 IST2021-06-28T13:10:23+5:302021-06-28T13:10:23+5:30

Switching from handball to hockey changed life: Udita | हैंडबॉल को छोड़ हॉकी को अपनाने से जिंदगी बदल गयी: उदिता

हैंडबॉल को छोड़ हॉकी को अपनाने से जिंदगी बदल गयी: उदिता

बेंगलुरू, 28 जून तोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व करने को तैयार अग्रिम पंक्ति की खिलाड़ी उदिता ने कहा कि छह साल पहले हैंडबॉल छोड़ हॉकी से जुड़ने के फैसले ने उसके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया।

देश के लिए 32 मैच खेलने वाली हरियाणा की 23 साल साल की यह खिलाड़ी 23 जुलाई से शुरू होने वाले तोक्यो खेलों के लिए घोषित की गयी 16 सदस्यीय भारतीय टीम का हिस्सा है।

हॉकी इंडिया से सोमवार को जारी विज्ञप्ति में उदिता ने कहा, ‘‘ यह आश्चर्यजनक है कि जीवन आपको कहाँ ले जाता है। मैंने छह साल पहले ही हॉकी खेलना शुरू किया था। इससे पहले मैं हैंडबॉल खेलती थी। शायद नियति के पास कुछ और योजना थीं।’’

उन्होंने बताया, ‘‘ मेरे हैंडबॉल कोच लगातार तीन दिनों तक अनुपस्थित थे जिसने मुझे वैकल्पिक खेल के रूप में हॉकी चुनने के लिए प्रेरित किया। हॉकी खेलने के विकल्प ने मेरे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया।’’

सीनियर टीम के लिए 2017 में पदार्पण करने वाली उदिता 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक विजेता टीम का हिस्सा थी। उन्होंने कहा कि वह भाग्यशाली है कि उन्हें अपने करियर में अब तक कुछ सबसे बड़े खेल आयोजनों में मौका मिला है।

उदिता ने कहा, ‘‘ घरेलू टूर्नामेंटों में कुछ प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद मुझे 2015 में जूनियर राष्ट्रीय शिविर के लिए चुना गया था। इसके बाद 2016 में मैंने जूनियर टीम के लिए पदार्पण किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी कप्तानी में जूनियर भारतीय टीम ने चौथे अंडर-18 महिला एशिया कप (2016) में कांस्य पदक जीता था। ’’

उदिता ने कहा, ‘‘ मैं बहुत भाग्यशाली रही हूं कि मुझे एशियाई खेलों और लंदन में विश्व कप जैसे कुछ सबसे बड़े आयोजनों में भारत के लिए खेलने का मौका मिला। हमने इन टूर्नामेंटों में एक टीम के रूप में कुछ शानदार प्रदर्शन किये थे।’’

तोक्यो खेलों की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर उदिता ने कहा कि अगले कुछ सप्ताह उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिन होने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय टीम का अभी सिर्फ एक ही चीज पर ध्यान है, और वह है तोक्यो। इसमें कोई शक नहीं कि अगले कुछ सप्ताह हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिन होने जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अब हम जो कुछ भी करेंगे, वह हम तोक्यो ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने के उद्देश्य से करेंगे।’’

उदिता ने कहा कि उन्होंने रानी और वंदना कटारिया जैसे अनुभवी खिलाड़ियों से काफी कुछ सीखा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ रानी और वंदना के साथ अभ्यास करने से मैंने बहुत कुछ सीखा है। उन दोनों को काफी अनुभव है और उनके बीच बहुत अच्छा तालमेल है। उन्होंने मेरा काफी समर्थन किया है।

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