तोक्यो में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद एनआरएआई प्रमुख ने ‘पूर्ण बदलाव’ के संकेत दिये
By भाषा | Updated: July 27, 2021 21:16 IST2021-07-27T21:16:10+5:302021-07-27T21:16:10+5:30

तोक्यो में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद एनआरएआई प्रमुख ने ‘पूर्ण बदलाव’ के संकेत दिये
तोक्यो, 27 जुलाई ओलंपिक निशानेबाजी में एक बार फिर शीर्ष खिलाड़ियों के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने कोचिंग स्टाफ को ‘पूरी तरह’ से बदलने का वादा किया है।
रियो ओलंपिक (2016) की तरह तोक्यो में भी भारतीय निशानेबाजों का प्रदर्शन अब तक निराशाजनक रहा है। भारत के रिकार्ड 15 निशानेबाजों ने इन खेलों का टिकट कटाया था लेकिन भारतीय दल अब गलत कारणों से सुर्खियों में है जिसमें टीम में गुटबाजी की खबरें भी सामने आ रही हैं।
इस बीच एनआरएआई के प्रमुख रनिंदर सिंह ने कोचिंग और सहायक कर्मचारियों में बड़ा बदलाव करने का वादा किया।
एनआरएआई के प्रमुख सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘निश्चित रूप से प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं है और मैंने कोचिंग और सहयोगी सदस्यों में बदलाव की बात कही है।’’
उन्होंने यह बातें राइफल और पिस्टल निशानेबाजों द्वारा मिश्रित टीम स्पर्धाओं के क्वालीफिकेशन चरणों को पार करने में विफल रहने के बाद कही।
इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि निशानेबाज आईएसएसएफ विश्व कप के अपने शानदार प्रदर्शन को ओलंपिक में दोहराने में नाकाम क्यों रह रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि हमारे निशानेबाजों को इन बड़े मौकों के लिए तैयार करने में कुछ कमी है, क्योंकि स्पष्ट रूप उनमें प्रतिभा है और हमने इसे यहां भी देखा है।’’
उन्होंने कहा कि महासंघ और अन्य संबंधित हितधारकों ने खेलों के लिए निशानेबाजों को तैयार करने में मदद करने के लिए हर संभव प्रयास किया। इसमें ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा के नेतृत्व वाले पैनल की सिफारिशों को लागू करना शामिल है, जो पांच साल पहले रियो दि जिनेरियो में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बना था।
एनआरएआई ने पदक की उम्मीद मनु भाकर का जूनियर राष्ट्रीय कोच जसपाल राणा के साथ मनमुटाव होने के बाद भारत के पूर्व निशानेबाज और कोच रौनक पंडित को उन्हें प्रशिक्षित करने का जिम्मा दिया। सिंह ने कहा कि उन्होंने उन दोनों के बीच चीजों को सुलझाने की कोशिश की थी।
भाकर ने नये कोच रौनक पंडित ने पिस्टल की खराबी का विवरण देते हुए एक फेसबुक वीडियो अपलोड किया जिसमें उनके 10 मीटर व्यक्तिगत स्पर्धा के प्रदर्शन को प्रभावित करने का जिक्र था।
उन्होंने बताया कि कैसे भाकर ने अतिरिक्त पिस्तौल का उपयोग करके या टूटी हुई पिस्टल की मरम्मत के लिए संघर्ष किया होगा क्योंकि उपकरण मरम्मत कक्ष प्रतिस्पर्धा क्षेत्र से बहुत दूर था।
रौनक ने कहा, ‘‘आपको लगता है कि पिस्टल की मरम्मत के लिए इतना चलने के बाद उसकी हृदय गति स्थिर हो गई होगी। कौन मूर्ख ऐसा कह रहा है?’’
उन्होंने जसपाल राणा की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘ जहां तक स्पेयर (अतिरिक्त) पिस्टल की बात है तो उसके पिछले कोच ने उस पिस्टल की ग्रिप बदल दी थी, वह उसमें सहज नहीं थी और इसीलिए वह उसी पिस्टल का इस्तेमाल करना चाहती थी जो खराब हुई थी।’’रनिंदर ने हालांकि कहा कि भारतीय निशानेबाजी टीम के लिए अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है क्योंकि कुछ निशानेबाजों की स्पर्धाएं बाकी हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘ अब भी हमारे कुछ निशानेबाजों को अपनी स्पर्धाओं में शुरुआत करनी है। अपनी टीम का समर्थन करना जारी रखिये और मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि हमें अच्छे नतीजे मिलेंगे। प्रदर्शन की समीक्षा हम इन खेलों के खत्म होने के बाद भी कर सकते हैं।’’
भारत को मिश्रित टीम स्पर्धाओं से पदक की सबसे ज्यादा उम्मीद थी। सौरभ चौधरी और मनु भाकर की जोड़ी को 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन क्वालिफिकेशन के पहले चरण में शीर्ष पर रहने के बाद दूसरे चरण में वे लय में नहीं दिखे और आखिर में सातवें स्थान से संतोष करना पड़ा।
अभिषेक वर्मा और यशस्विनी सिंह देसवाल की एक अन्य भारतीय जोड़ी इस स्पर्धा के पहले चरण में 564 अंक के साथ 17वें स्थान पर रहने के कारण शुरू में ही बाहर हो गयी।
भारत की दो जोड़ियों ने 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम स्पर्धा में भी हिस्सा लिया था लेकिन वे क्वालीफिकेशन के पहले चरण से भी आगे नहीं बढ़ पायी।
इलावेनिल वालारिवान और दिव्यांश सिंह पंवार की जोड़ी 626.5 अंक बनाकर 12वें तथा अंजुम मोदगिल और दीपक कुमार की जोड़ी 623.8 अंक बनाकर 29 जोड़ियों के बीच 18वें स्थान पर रही।
ओलंपिक में पहली बार मिश्रित टीम स्पर्धाओं को शामिल किया गया है।
परिणामों से निराश जॉयदीप कर्माकर और हीना सिद्धू जैसे जाने-माने निशानेबाजों और ओलंपियन ने ट्वीट कर अपनी भावनाओं का इजहार किया।
लंदन ओलंपिक में मामूली अंतर से पदक से चूकने वाले कर्माकर ने ट्वीट किया, ‘‘ अब मैं इसे आपदा कहूंगा! यह निशानेबाजी में भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ी उम्मीद थी और इसके लिए किस्मत को दोष नहीं देना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं निराश हूँ, सभी निराश हैं, लेकिन सबसे ज्यादा निराश कौन है? निशानेबाज खुद सबसे ज्यादा निराश है। कृपया अनावश्यक ट्रोल और अपमान से बचें। हाँ, उनमें से कुछ असफल रहे और आलोचना का सामना करेंगे, और यह हर प्रदर्शन करने वाले कलाकार या खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा है। ’’
कर्माकर ने कहा कि टीम के कम उम्र वाले (किशोर) निशानेबाजों को ‘बच्चा’ कह कर उन्हें ‘कमजोर’ नहीं आंका जाना चाहिये।
उन्होंने कहा, ‘‘ ‘बच्चे’? बेशक वे अपनी उम्र के हिसाब से बच्चे हैं, मैं उन्हें प्यार करता हूं और अपने बच्चों की तरह उन्हें भी प्यार करता रहूंगा। लेकिन खेल के मैदान पर एक एथलीट के रूप में उन्हें ‘बच्चो’ के तौर पर ‘कमजोर’ नहीं समझा जाना चाहिये। खेल के मैदान में कोई बच्चा नहीं है। हम उनकी देख-भाल करेंगे। साथ ही यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें कठिन परिस्थिति में मजबूत बनाएं।’’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ हमें कहीं न कहीं यह महसूस करने की जरूरत है, यह बंदूक, गेंद या रैकेट के बारे में नहीं है, आपका दिमाग सबसे मजबूत उपकरण है जो ओलंपिक में पदक जीत सकता है। हमें आत्मनिरीक्षण की जरूरत है।’’
पूर्व विश्व चैंपियन पिस्टल निशानेबाज हीना भी नतीजों से निराश है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ आज 10 मीटर स्पर्धाओं में निराशाजनक प्रदर्शन। भारतीय निशानेबाजी के लिए बुरा दिन ।सौरभ ने अच्छा किया, मनु को आखिर में बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत थी। यह निराशाजनक है।
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