यह पुनर्जन्म है , श्रीजेश ने ओलंपिक कांस्य पदक जीतने के बाद कहा

By भाषा | Updated: August 5, 2021 12:42 IST2021-08-05T12:42:17+5:302021-08-05T12:42:17+5:30

It's rebirth, says Sreejesh after winning Olympic bronze | यह पुनर्जन्म है , श्रीजेश ने ओलंपिक कांस्य पदक जीतने के बाद कहा

यह पुनर्जन्म है , श्रीजेश ने ओलंपिक कांस्य पदक जीतने के बाद कहा

तोक्यो, पांच अगस्त ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम की जीत के सूत्रधारों में रहे गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने कहा ,‘‘ यह पुनर्जन्म है ’’ । उन्होंने उम्मीद जताई कि इस जीत से आने वाली पीढी में कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी पैदा होंगे ।

भारतीय हॉकी टीम ने जर्मनी को 5 . 4 से हराकर तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता ।

हूटर से छह सेकंड पहले पेनल्टी रोकने वाले श्रीजेश ने जीत के बाद कहा ,‘‘41 साल हो गए । आखिरी पदक 1980 में मिला था । उसके बाद कुछ नहीं । आज हमने पदक जीत लिया जिससे युवा खिलाड़ियों को हॉकी खेलने की प्रेरणा और ऊर्जा मिलेगी ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘यह खूबसूरत खेल है । हमने युवाओं को हॉकी खेलने का एक कारण दिया है । ’’

जीत के बाद भारतीय खिलाड़ी जहां रोते हुए एक दूसरे को गले लगा रहे थे , वहीं श्रीजेश गोलपोस्ट पर बैठ गए थे । पिछले 21 साल से इस दिन का इंतजार कर रहे 35 वर्ष के श्रीजेश के लिये शायद यह पदक जीतने का आखिरी मौका था ।

उन्होंने कहा ,‘‘ मैं आज हर बात के लिये तैयार था क्योंकि यह 60 मिनट सबसे महत्वपूर्ण थे । मैं 21 साल से हॉकी खेल रहा हूं और मैने खुद से इतना ही कहा कि 21 साल का अनुभव इस 60 मिनट में दिखा दो ।’’

आखिरी पेनल्टी के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ मैने खुद से इतना ही कहा कि तुम 21 साल से खेल रहे हो और अभी तुम्हे यही करना है । एक पेनल्टी बचानी है ।’’

पूरे ओलंपिक में श्रीजेश ने कई मौकों पर भारतीय टीम के लिये संकटमोचक की भूमिका निभाई । उन्होंने कहा ,‘‘ मेरी प्राथमिकता गोल होने से रोकना है । इसके बाद दूसरा काम सीनियर खिलाड़ी होने के नाते टीम का हौसला बढाना है । मुझे लगता है कि मैने अपना काम अच्छे से किया ।’’

उन्होंने कहा कि जीत का खुमार अभी उतरा नहीं है और शायद घर लौटने के बाद ही वह स्थिर होंगे ।

मैच के बाद उन्होंने अपने पिता को वीडियो कॉल किया । उन्होंने कहा ,‘‘ मैने सिर्फ उन्हें फोन किया क्योंकि मेरे यहां तक पहुंचने का कारण वही है। मैं उन्हें बताना चाहता था कि हमने पदक जीत लिया है और मेरा पदक उनके लिये है ।’’

दो गोल करने वाले सिमरनजीत सिंह ने कहा ,‘‘ यह मेरा सपना था और अब मैं इसे कभी नहीं भूल सकूंगा । मै ये गोल करने के सपने देखता आया था जो आज सच हो गए ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ हमने पदक जीतकर 130 करोड़ भारतीयों को गर्व करने का मौका दिया । यह कभी नहीं भूलने वाला अनुभव है । हम आगे भी इस लय को जारी रखने की कोशिश करेंगे।

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Web Title: It's rebirth, says Sreejesh after winning Olympic bronze

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