भारतीय तीरंदाजों के पास ओलंपिक में खुद को साबित करने का आखिरी मौका

By भाषा | Updated: July 27, 2021 16:16 IST2021-07-27T16:16:02+5:302021-07-27T16:16:02+5:30

Indian archers have last chance to prove themselves in Olympics | भारतीय तीरंदाजों के पास ओलंपिक में खुद को साबित करने का आखिरी मौका

भारतीय तीरंदाजों के पास ओलंपिक में खुद को साबित करने का आखिरी मौका

तोक्यो, 27 जुलाई भारतीय तीरंदाज तोक्यो ओलंपिक की टीम स्पर्धाओं से बाहर होने की निराशा को दूर कर बुधवार को यहां होने वाली व्यक्तिगत प्रतियोगिताओं की कठिन चुनौतियों का सामना करेंगे।

    ओलंपिक की टीम स्पर्धाओं में मुकाबले में 16 टीमें होती है ऐसे में वहां पदक जीतने की संभावना अधिक होती है। भारत हालांकि पुरुष टीम और मिश्रित युगल में कोरिया की टीमों से हार कर बाहर हो गया।

रैंकिंग क्वालीफिकेशन में प्रवीण जाधव, अतनु दास और तरुणदीप राय के खराब प्रदर्शन ने उन्हें इस खेल की महाशक्ति माने जाने वाले कोरिया के खिलाफ खड़ा कर दिया, जिसकी टीमों ने क्वार्टर फाइनल में पुरुष और मिश्रित जोड़ी दोनों टीमों को बाहर कर दिया।

नॉकआउट चरण में भारतीय तीरंदाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया था और उनका औसत स्कोर 9.12 (10 अंक में से) था। इस मामले में  कोरिया, चीनी ताइपे और नीदरलैंड ने ही भारत से बेहतर प्रदर्शन किया था। टीम को यहां रैंकिंग दौर में खराब प्रदर्शन का खामियाजा भुगतना पड़ा जिसे शुरुआत के कुछ दौर में ही मजबूत टीमों का सामना करना पड़ा।

व्यक्तिगत स्पर्धाओं में 64 तीरंदाज चुनौती पेश करते है ऐसे में यहां उन्हें दोगुनी मेहनत करनी होगी। पदक हासिल करने के लिए उन्हें कम से कम पांच मुकाबले जीतने होंगे।

ओलंपिक में कोई भी भारतीय अभी तक प्री-क्वार्टर फाइनल की बाधा को पार करने में कामयाब नहीं हुआ है, लेकिन तीरंदाजों की लय को देखते हुए अगर वे इससे आगे बढ़ने में सफल रहते है तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।

भारत को सबसे ज्यादा उम्मीदें दुनिया की नंबर एक महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी से होगी, जो लगातार तीसरी बार ओलंपिक में चुनौती पेश कर रही हैं। शानदार लय में चल रहे प्रवीण जाधव के प्रदर्शन पर भी नजरें होंगी।

ओलंपिक पदार्पण कर रहे जाधव को दुनिया के दूसरे नंबर के तीरंदाज गालसन बजरझापोव (रूस) के खिलाफ लगातार सटीक निशाना लगाना होगा।

पुरुष वर्ग में पहले ही मंगलवार को उस समय बड़ा उलटफेर हुआ जब शीर्ष वरीयता प्राप्त 17 वर्षीय कोरियाई खिलाड़ी किम जे देवक को जर्मनी के फ्लोरियन उनरूह ने दूसरे दौर में हरा दिया।

दीपिका अपने अभियान की शुरुआत भूटान की कर्मा के खिलाफ करेंगी। विश्व रैंकिंग में 193वें स्थान पर काबिज कर्मा ओलंपिक उद्घाटन समारोह में अपने देश की ध्वजवाहक थी।

मिश्रित टीम स्पर्धा में शनिवार को दीपिका का प्रदर्शन निराशाजनक था। वह क्वार्टर फाइनल में कोरिया के खिलाफ 10 अंक वाला एक भी निशाना लगाने में असफल रही थी। तीन दिन के ब्रेक के बाद हालांकि वह बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगी।

पुरुष वर्ग की तरह अगर कोई उलटफेर नहीं हुआ तो शुरुआती दौर के बाद दीपिका का सामना कोरिया की शीर्ष वरीयता प्राप्त अन सान से हो सकता है, जिन्होंने रैंकिंग दौर में 25 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था।

यह दोनों खिलाड़ी दो साल पहले युमेनोशिमा पार्क के उसी स्थान पर ‘तोक्यो2020 टेस्ट इवेंट’ के फाइनल में एक दूसरे का सामना कर चुके है जहां सान ने सीधे सेटों में जीत हासिल की थी।

भारतीय दल में सबसे ज्यादा निराश अतनु दास ने किया। वह रैंकिंग दौर में 35वें स्थान पर रहने के बाद मिश्रित जोड़ी वर्ग की टीम से बाहर हो गये थे और उनकी जगह जाधव को मौका दिया गया था।

अप्रैल में ग्वाटेमाला सिटी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाले दास अपने प्रदर्शन में सुधार करने के लिए बेताब होंगे। दास अपने शुरुआती दौर में चीनी ताइपे के देंग यू-चेंग से भिड़ेंगे।

यह सेना के अनुभवी तरुणदीप राय के लिए यह एक भावनात्मक मामला होगा। एथेंस (2004) में खेलों में पदार्पण करने के 17 साल बाद अपने आखिरी ओलंपिक मुकाबले के लिए वह तैयार हैं। उनका सामना यूक्रेन के ओलेक्सी हुनबिन से होगा। उनकी कोशिश अपने अभियान को शानदार तरीके से खत्म करने की होगी।

राय ने कहा, ‘‘ मैं अपने करियर के अंतिम लक्ष्य में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता हूं जो देश के लिए ओलंपिक पदक जीतना है।

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Web Title: Indian archers have last chance to prove themselves in Olympics

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