फिनलैंड के खिलाफ डेविस कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा भारत को

By भाषा | Updated: September 16, 2021 13:08 IST2021-09-16T13:08:47+5:302021-09-16T13:08:47+5:30

India will have to give their best in Davis Cup against Finland | फिनलैंड के खिलाफ डेविस कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा भारत को

फिनलैंड के खिलाफ डेविस कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा भारत को

एस्पू (फिनलैंड), 16 सितंबर भारत के एकल खिलाड़ियों को शुक्रवार से शुरू हो रहे डेविस कप विश्व ग्रुप वन मुकाबले में फिनलैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा ।

प्रजनेश गुणेश्वरन और रामकुमार रामनाथन को बड़े मैच खेलने का अनुभव है । उन्होंने बेहतर खिलाड़ियों के खिलाफ खेला है लेकिन अब करीबी मुकाबले खेलने से आगे बढने की जरूरत है ।उन्हें बड़े मैच जीतने होंगे ताकि भारत अगले साल क्वालीफायर में जगह बना सके ।

रामकुमार अगर 2014 अमेरिकी ओपन चैम्पियन क्रोएशिया के मारिन सिलिच के खिलाफ पिछले मैच में किये गए प्रदर्शन को दोहरा सके तो भारत यह मुकाबला जीत सकता है ।

भारत के दूसरी रैंकिंग वाले खिलाड़ी रामकुमार का सामना फिनलैंड के नंबर एक खिलाड़ी एमिल रूसुवुओरी से होगा जो विश्व रैंकिंग में 74वें स्थान पर है ।

रामकुमार अगर यह मुकाबला जीत जाते हैं तो भारत पर से दबाव कम हो जायेगा । ऐसे में प्रजनेश के लिये ओट्टो विर्तानेन के खिलाफ मुकाबला आसान होगा । प्रजनेश विश्व रैंकिंग में 165वें और ओट्टो 419वें स्थान पर हैं ।

प्रजनेश बड़े मुकाबलों में बढत बनाने के बाद हारते आये हैं । उन्होंने कहा ,‘‘ अच्छे खिलाड़ियाों के खिलाफ मुकाबले करीबी रहते हैं । मैने उनके खिलाफ जीते भी हैं और हारे भी । करीबी मुकाबलों का नतीजा कुछ भी निकल सकता है । भारत के लिये खेलते हुए कोई दबाव नहीं होता । कई बार दबाव अधिक होता है और कई बाद कम । यह इस पर निर्भर करता है कि आप उसका सामना कैसे करते हैं ।’’

लिएंडर पेस और महेश भूपति के दौर में युगल मुकाबला भारत के लिये जीता हुआ माना जाता रहा है लेकिन अब हालात बदल गए हैं । रोहित बोपन्ना के पास अनुभव है लेकिन उन्हें एक टीम के रूप में दिविज शरण के साथ अच्छा प्रदर्शन करना होगा । उनका सामना हेनरी कोंटिनेन और हैरी हेलिओवारा जैसी कठिन टीम से है ।

बोपन्ना और शरण ने एकमात्र मुकाबला साथ में मार्च 2019 में इटली के खिलाफ खेला है । बोपन्ना अब तक पेस या सााकेत माइनेनी के साथ खेलते आये हैं ।

अब देखना यह होगा कि कप्तान रोहित राजपाल बोपन्ना के साथ शरण या माइनेनी में से किसे उतारते हैं । राजपाल का मानना है कि हालात पूरी तरह से मेजबान के अनुकूल नहीं हैं क्योंकि कोर्ट पर उछाल कम है । इसका फायदा भारतीय खिलाड़ियों को मिल सकता है।

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