बिहार में आईएएस अधिकारी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई

By भाषा | Updated: July 17, 2021 22:46 IST2021-07-17T22:46:27+5:302021-07-17T22:46:27+5:30

IAS officer files complaint against Chief Minister in Bihar | बिहार में आईएएस अधिकारी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई

बिहार में आईएएस अधिकारी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई

पटना, 17 जुलाई बिहार के प्रशासनिक महकमे में शनिवार को उस समय खलबली मच गई जब एक असंतुष्ट आईएएस अधिकारी ने शनिवार को एक थाने में शिकायत देकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं कई शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।

वर्ष 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी सुधीर कुमार दोपहर में गर्दनीबाग थाने में पहुंचे। लेकिन उन्हें अपनी लिखित शिकायत की पावती लेने के लिए चार घंटे का इंतजार करना पड़ा।

वर्तमान में राज्य राजस्व बोर्ड के सदस्य नौकरशाह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मामला फर्जीवाड़े से जुड़ा हुआ है। शिकायत में जिन लोगों के नाम हैं उनमें शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक के लोग शामिल हैं। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा।’’

बहरहाल, जब उनसे बार-बार पूछा गया कि क्या प्राथमिकी में मुख्यमंत्री का नाम है तो उन्होंने कहा -- ‘‘हां’’।

उन्होंने एक और अधिकारी का नाम शिकायत में जिक्र करने की बात स्वीकार की और वह हैं पटना के पूर्व एसएसपी अधिकारी मनु महाराज। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी महाराज डीआईजी रैंक में पदोन्नत हो गए हैं और वर्तमान में अन्यत्र पदस्थापित हैं।

आईएएस अधिकारी अगले वर्ष की शुरुआत में सेवानिवृत्त होने वाले हैं और नौकरी भर्ती घोटाला में नाम आने के बाद उन्हें तीन वर्ष जेल की सजा काटनी पड़ी थी। पिछले वर्ष अक्टूबर में उच्चतम न्यायालय ने उन्हें जमानत दी थी।

उन्होंने अपनी शिकायत का ब्यौरा देने से इनकार कर दिया और कहा, ‘‘यह दस्तावेजों के फर्जीवाड़े से जुड़ा हुआ है’’ और जब पूछा गया कि उन्होंने लगभग कितने लोगों का नाम शिकायत में लिया है तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं गिनती नहीं करता।’’

साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘‘बिहार में सुशासन देखिए कि एक आईएएस अधिकारी को चार घंटे तक इंतजार कराया गया। प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। मुझे महज मेरे शिकायत की पावती दी गई। मार्च में जब मैं शास्त्री नगर थाने में इन्हीं दस्तावेजों के साथ गया था तो यही बात हुई थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पुरानी शिकायत की प्रगति के बारे में सूचना जुटाने का प्रयास भी विफल हुआ जिसमें आरटीआई भी शामिल है।’’

गर्दनीबाग के एसएचओ अरूण कुमार ने कहा, ‘‘शिकायत मिली है और सर (आईएएस अधिकारी) को पावती दी गई है। सभी आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा।’’

बहरहाल उन्होंने यह पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि शिकायत में मुख्यमंत्री का नाम शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘यह जांच का विषय है। हम ब्यौरा नहीं दे सकते।’’

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आईएएस अधिकारी के आरोपों की गहन जांच की मांग की और उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दिए जाने की भी मांग की।

राष्ट्रभ्य जनता दल (राजद) नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्हें मामले की गहन जांच से नहीं बचना चाहिए जब तक कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है।’’

यादव ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार मुझे डांटते थे कि मैं स्पष्टीकरण नहीं दे रहा हूं। अब उनकी बारी है।’’ वह चार वर्ष पहले की घटना का जिक्र कर रहे थे जब उपमुख्यमंत्री रहते उनका नाम धनशोधन के एक मामले में आया था। इस घटना के कारण नीतीश कुमार ने राजद से नाता तोड़ लिया था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग में फिर से शामिल हो गए थे।

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