हॉकी खिलाड़ी गुरजंत तोक्यो ओलंपिक में मौकों को भुनाना चाहते है

By भाषा | Updated: July 6, 2021 15:05 IST2021-07-06T15:05:42+5:302021-07-06T15:05:42+5:30

Hockey player Gurjant wants to capitalize on chances in Tokyo Olympics | हॉकी खिलाड़ी गुरजंत तोक्यो ओलंपिक में मौकों को भुनाना चाहते है

हॉकी खिलाड़ी गुरजंत तोक्यो ओलंपिक में मौकों को भुनाना चाहते है

बेंगलुरू, छह जुलाई चोटों और खराब लय के कारण राष्ट्रमंडल एवं एशियाई खेलों (2018) की टीम में जगह बनाने से चूकने के वाले जूनियर विश्व कप विजेता हॉकी स्ट्राइकर गुरजंत सिंह तोक्यो ओलंपिक में मैदान में उतरने का बेसब्री से इंतजार के साथ अपने करियर को फिर से संवारने की कोशिश कर रहे हैं।

पंजाब के 26 साल के अग्रिम पंक्ति के इस खिलाड़ी को 23 जुलाई से आठ अगस्त तक होने वाले खेलों के लिए चुनी गयी 16 सदस्यीय पुरूष हॉकी टीम में शामिल किया गया है।

गुरजंत ने हॉकी इंडिया से जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ मैं चोटों के कारण एशियाई खेलों और विश्व कप में खेलने से चूक गया । मुझे घर से ही टीम को खेलते देखना पड़ा और यह वास्तव में दिल दुखाने वाला था। मुझे हालांकि उम्मीद है कि मैं तोक्यो में इस मौके का फायदा उठाउंगा। हम चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’’

भारत की 2016 जूनियर विश्व कप विजेता टीम के सदस्य गुरजंत ने 2017 में बेल्जियम के खिलाफ सीनियर टीम के लिए पदार्पण किया था। उसके एक साल बाद वह ढाका में हीरो एशिया कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे।

लय खोने के कारण उन्हें 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के साथ-साथ एशियाई खेलों की टीम में जगह नहीं दी गयी। उसी साल चोट के कारण उन्हें एफआईएच पुरुष विश्व कप टीम से भी बाहर कर दिया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे हालांकि मस्कट में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के लिए चुना गया था, जहां मैंने चार गोल किए थे। मैं 2020 से टीम में अपनी क्षमता साबित करने लगा था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ एफआईएच हॉकी प्रो लीग में मैंने नीदरलैंड के खिलाफ जो गोल किया वह भारत के लिए सबसे तेज गोल था और प्रशंसकों ने भी उसे एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2020 का दूसरा सर्वश्रेष्ठ गोल के रूप में चुना था।’’

गुरजंत ने 2016 में एफआईएच जूनियर पुरुष विश्व कप में भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभायी थी। उन्होंने सेमीफाइनल और फाइनल में गोल दागे थे। वह इसे अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं।

बड़े मैचों में गोल करने वाले खिलाड़ी के तौर पर पहचान बनाने वाले गुरजंत ने कहा, ‘‘ मैं 18 दिसंबर 2016 को कभी नहीं भुलूंगा। उस दिन हमने जूनियर विश्व कप का खिताब जीता था और अब तक यह मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इस शानदार जीत के बाद लोगों ने मुझे परखना करना शुरू कर दिया था।’’

कोविड-19 महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय मैचों की कमी के बीच भारतीय खिलाड़ी बेंगलुरू में राष्ट्रीय शिविर में अभ्यास कर रहे हैं। इस स्ट्राइकर ने कहा कि वह इस समय का उपयोग अपनी रक्षात्मक तकनीक को मजबूत करने पर कर रहे है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुख्य कोच ग्राहम रीड ने मुझसे रक्षात्मक तकनीक काम करने को कहा था। उनका मानना है कि अच्छे डिफेंस की शुरुआत फॉरवर्ड से होती है और मैंने पिछले एक साल में अपने ‘ऑफ-बॉल’ कौशल को सुधारने पर बहुत ध्यान दिया है।

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Web Title: Hockey player Gurjant wants to capitalize on chances in Tokyo Olympics

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