(अमनप्रीत सिंह)
गोंडा (उत्तर प्रदेश), 10 नवंबर वापसी कर रही गीता फोगाट और विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता सरिता मोर के बीच संभावित मुकाबले पर गुरुवार से यहां शुरू हो रही राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में सभी की नजरें होंगी जबकि नरसिंह पंचम यादव और गौरव बलियान भी खुद को साबित करने के लिए उत्सुक होंगे।
वर्ष 2018 में अपने बेटे अर्जुन के जन्म के बाद 32 साल की गीता प्रतिस्पर्धी कुश्ती में वापसी कर रही हैं।
गीता 59 किग्रा वर्ग में उतरकर अपने खेल को परखेगी और उसके आधार पर 2024 पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने के अपने लक्ष्य को हासिल करने की योजना बनाएंगी।
राष्ट्रमंडल खेल 2010 की स्वर्ण पदक विजेता गीता की राह आसान नहीं होगी। वह लंबे समय बाद चुनौती पेश कर रही हैं और इस दौरान नए नियम लागू हुए हैं तथा भारतीय कुश्ती का स्तर भी बेहतर हुआ है। गीता की शुरुआत हालांकि अच्छी रही और राज्य ट्रायल में उन्होंने हरियाणा की चार पहलवानों को हराकर जीत दर्ज की।
गीता ने पीटीआई से कहा, ‘‘राज्य ट्रायल से मेरा मनोबल बढ़ा है। मैं राष्ट्रीय प्रतियोगिता को लेकर काफी रोमांचित हूं। यह नई शुरुआत की तरह लग रहा है।’’
गीता की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी सरिता होंगी जिन्होंने पिछले महीने ओस्लो विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। सरिता ने विश्व चैंपियनशिप में गत विश्व चैंपियन लिंडा मोराइस को भी हराया।
विश्व चैंपियनशिप में सफलता के बावजूद सरिता के लिए राष्ट्रीय चैंपियनशिप महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है।
सरिता ने कहा, ‘‘बचपन से ही हम राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने का लक्ष्य बनाते थे क्योंकि यहीं से हमारे लिए आगे की राह बनती है। मैं अब भी देश के सर्वश्रेष्ठ पहलवानों से भिड़ने को लेकर रोमांचित हो जाती हूं।’’
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया से शादी करने वाली संगीता फोगाट ने भी हाल में चोट के बाद वापसी की और सभी की उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए विश्व चैंपियनशिप का ट्रायल जीता। वह हालांकि विश्व चैंपियनशिप से जल्दी बाहर हो गई। संगीता 62 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करेंगी।
युवा सोनम मलिक कंधे की सर्जरी के बाद वापसी के लिए फिट नहीं हैं और 62 किग्रा वर्ग में उनकी कमी खलेगी।
विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता अंशु मलिक और विनेश फोगाट भी चोट से उबर रही हैं और टूर्नामेंट में नहीं खेलेंगी।
पुरुष वर्ग में तोक्यो ओलंपिक के स्टार बजरंग और रवि दहिया के अलावा दीपक पूनिया टूर्नामेंट में शिरकत नहीं करेंगे।
इनकी गैरमौजूदगी में सभी की नजरें नरसिंह पर होंगी। डोपिंग के कारण चार साल के प्रतिबंध के बाद वापसी कर रहे नरसिंह नयी दिल्ली में विश्व चैंपियनशिप के ट्रायल में हार गए थे।
नरसिंह ने कहा, ‘‘मैं स्वीकार करता हूं कि मुझे वापसी करने के बाद सामंजस्य बैठाने में समय लगा लेकिन अपने खेल को लेकर अच्छा महसूस कर रहा हूं। मेरी गति उम्मीद के मुताबिक नहीं थी और स्पर्धा के दिन ही वजन कराने के कारण भी मुझे जूझना पड़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले वजन स्पर्धा से एक दिन पहले होता था इसके कारण मेरी प्रगति धीमी हुई। लेकिन मैंने राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए अच्छी ट्रेनिंग की है। स्वर्ण पदक जीतना मेरा लक्ष्य है और फिर राष्ट्रमंडल खेल तथा एशियाई खेलों की तैयारी शुरू करूंगा। मैं 74 किग्रा वर्ग में अच्छा कर रहा हूं और अंतत: इस वर्ग में पेरिस खेलों के लिए क्वालीफाई करना चाहता हूं। ’’
दीपक की गैरमौजूदगी में 86 किग्रा वर्ग में गीता के पति पवन सरोहा के अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। वह रेलवे का प्रतिनिधित्व करेंगे।
गौरव बालियान भी 79 किग्रा वर्ग में अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे।
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