Commonwealth Games 2022: राष्ट्रमंडल खेलों में 200 स्वर्ण पदक जीतने वाला चौथा देश बना भारत, जानें टॉप तीन में कौन-कौन देश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 8, 2022 09:58 PM2022-08-08T21:58:44+5:302022-08-08T21:59:47+5:30
Commonwealth Games 2022: पीवी सिंधु के बाद बैडमिंटन के पुरुष एकल में लक्ष्य सेन जबकि पुरुष युगल में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग सेन जोड़ी ने स्वर्ण जीता।
Commonwealth Games 2022: बैडमिंटन महिला एकल के फाइनल में पीवी सिंधु की जीत के साथ ही भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में सोमवार को अपना 200वां स्वर्ण पदक हासिल किया। बर्मिंघम खेलों में भारत ने 22 स्वर्ण जीते जिससे उसके कुल स्वर्ण पदकों की संख्या 203 हो गयी।
India finish fourth in the medal tally with 22 Gold, 16 Silver and 23 Bronze medals with a total of 61 medals in the Birmingham #CommonwealthGames2022pic.twitter.com/R6273iaeA7
— ANI (@ANI) August 8, 2022
सिंधु के बाद बैडमिंटन के पुरुष एकल में लक्ष्य सेन जबकि पुरुष युगल में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग सेन जोड़ी ने स्वर्ण जीता। अचंता शरत कमल ने इसके बाद टेबल टेनिस में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदकों की कुल संख्या के मामले में ऑस्ट्रेलिया (1003 स्वर्ण पदक) शीर्ष पर है जबकि इंग्लैंड (773) दूसरे और कनाडा (510) तीसरे स्थान पर है।
CWG 2022: PV Sindhu hopes to meet PM Modi soon after her gold medal win
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राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने पहला स्वर्ण 1958 में जीता था। यह स्वर्ण महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह ने जीता था। भारत ने इसके बाद हर राष्ट्रमंडल खेलों (1962 और 1986 में भाग नहीं लिया) में स्वर्ण पदक जीता है। इस मामले में दिल्ली में 2010 में हुऐ राष्ट्रमंडल खेल भारत के लिए सबसे सफल रहे है जिसमें उसने 38 स्वर्ण पदक जीते थे।
शरत ने पीठ के गंभीर दर्द के साथ अपने जीवन के ‘सर्वश्रेष्ठ दो सप्ताह’ का लुत्फ उठाया
तीन दिनों के अंदर 12 थकाऊ मैच खेलने के बाद राष्ट्रमंडल खेलों के भारतीय नायक टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल को मीडिया से बातचीत के दौरान बैठने के लिए कुर्सी का सहारा लेना पड़ा। एक के बाद एक लगातार कई मैच खेलने वाले 40 साल के शरत ने इन खेलों में तीन स्वर्ण और एक रजत पदक अपने नाम किया।
राष्ट्रमंडल खेलों में 16 साल पहले पदार्पण पर अपना पहला स्वर्ण जीतने वाले इस दिग्गज के लिए बर्मिंघम में उस सफलता को दोहराने के बाद भावनाओं पर काबू रखना मुश्किल था। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे पास कोई ताकत नहीं बची है। मैं पूरी तरह से निचोड़ा हुआ महसूस कर रहा हूं। मुझे वैसा ही लग रहा है जैसा की संतरे का पूरा रस निकलने के बाद होता है।
The whole tournament has been fantastic. This singles gold has been quite tough. I'm happy that I won gold despite body ache. Next, I will try to win a medal in 2024 Olympics: Achanta Sharath Kamal after winning Gold in Table Tennis finals in #CommonwealthGames2022pic.twitter.com/XfvDlFDemc
— ANI (@ANI) August 8, 2022
लेकिन मेरे लिये यह दो सप्ताह शानदार रहे।’’ शरत पर अलग-अलग वर्गों में एक के बाद एक कई मैच के कारण थकान हावी था और वह अपनी नींद भी पूरी नहीं कर पा रहे थे। पुरुष एकल फाइनल से पहले उनकी पीठ में तेज दर्द होने लगा लेकिन सफलता की ललक ने उन्हें बेहतर करने के लिए प्रेरित किया।
उम्र को धता बताने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘यहां कई खिलाड़ी भी मुझसे पूछ रहे थे कि जब भी मैं खेलता हूं तो मैं हर बार एक नया स्ट्रोक कैसे जोड़ पाता हूं। मेरे पास इसका उचित जवाब नहीं है, मैं केवल इतना कह सकता हूं कि यह आसान नहीं है।’’ इन खेलों में कुल 13 पदक जीतने वाले शरत ने कहा, ‘‘ मैं 40 साल की उम्र में जो करने में सक्षम हूं वह अविश्वसनीय है।
मैं कल मिश्रित युगल में स्वर्ण पदक के बाद खुद से पूछ रहा था कि अब भी इस तरह कैसे खेल पा रहा हूं।’’ पेरिस ओलंपिक में खेलने की तैयारी कर रहे शरत ने कहा, ‘‘ ये शायद मेरे अब तक के करियर का सर्वश्रेष्ठ खेल हैं। अब तक के सबसे अच्छे दो सप्ताह हैं। मैं 40 वर्ष का हूं। इससे ज्यादा मैं खुद के लिए क्या सोच सकता हूं।’’