एशियन गेम्स 2018: विनेश फोगाट ने जीता ऐतिहासिक गोल्ड, जानिए भारत के लिए कैसा रहा दूसरा दिन

By भाषा | Published: August 20, 2018 10:40 PM2018-08-20T22:40:41+5:302018-08-20T22:40:41+5:30

कबड्डी टीम का कोरिया से हारना सबसे निराशाजनक रहा लेकिन पदक की उम्मीद अब भी बनी हुई है।

asian games 2018 india performance in jakarta and palembang on day 2 | एशियन गेम्स 2018: विनेश फोगाट ने जीता ऐतिहासिक गोल्ड, जानिए भारत के लिए कैसा रहा दूसरा दिन

विनेश फोगाट

जकार्ता/पालेमबांग, 20 अगस्त: महिला पहलवान विनेश फोगाट ने उम्मीद के अनुरूप कुश्ती का ऐतिहासिक स्वर्ण पदक अपने नाम किया जबकि निशानेबाजों ने दो रजत पदक जीते और सेपकटकरा में पोडियम स्थान सुनिश्चित होने से भारत के लिये आज यहां 18वें एशियाई खेलों का दूसरा दिन अच्छा रहा। गत चैम्पियन पुरूष हाकी टीम ने पूल ए के शुरूआती मैच में मेजबान इंडोनेशिया को 17-0 से शिकस्त दी। 

हालांकि भारत को निराशा भी हाथ लगी जब ओलंपिक पदकधारी पहलवान लगातार दूसरे दिन पदक हासिल नहीं कर सके। महिला पहलवान साक्षी मलिक कांस्य पदक वाला मुकाबला हार गयीं। वहीं सात बार की स्वर्ण पदकधारी पुरूषों की कबड्डी टीम इन खेलों के इतिहास में पहली बार हार गयी तो पुरूष और महिला बैडमिंटन टीम पदक दौड़ से बाहर हो गयी। 

भारत के लिए जश्न के मौके

भारत को जश्न मनाने के मौके भी मिले जिसमें विनेश का स्वर्ण पदक भारतीय खेमे के लिये सबसे ज्यादा खुशियां लेकर आया। 2002 बुसान एशियाई खेलों में महिला कुश्ती को पहली बार शामिल किये जाने के बाद भारत का यह महिला कुश्ती में पहला स्वर्ण पदक है।  हरियाणा की यह पहलवान शनिवार को 24 साल की हो जायेगी, उसने 50 किग्रा वर्ग में प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ शानदार प्रदर्शन से जन्मदिन से पहले ही खुद को तोहफा दे दिया। 

विनेश की आंखों में जीत के आंसू थे, उसने स्वर्ण पदक के बाद कहा, 'मैंने स्वर्ण पदक का लक्ष्य बनाया हुआ था। मैंने एशियाई स्तर पर तीन-चार रजत पदक जीते हैं और मुझे आज स्वर्ण पदक जीतने का भरोसा था। मेरे शरीर ने अच्छा साथ दिया क्योंकि मैंने अच्छी ट्रेनिंग की थी और भगवान भी मेरे साथ थे। इसलिये आज सबकुछ मेरे पक्ष में रहा।' 

शूटिंग से भी अच्छी खबर

पालेमबांग में शूटिंग रेंज में दीपक कुमार (10 मीटर एयर राइफल) और लक्ष्य शेरॉन (पुरूषों की ट्रैप) ने रजत पदक अपने नाम किया जबकि पुरूषों की सेपकटकरा टीम ने सेमीफाइनल में पहुंचकर पदक पक्का किया। तैंतीस वर्षीय दीपक को लंबे समय के इंतजार के बाद बड़ा पदक मिला, वह 14 साल पहले इस खेल में आये थे। 

वहीं लक्ष्य ने चार साल पहले ही बंदूक उठायी थी और 20 साल की उम्र में उन्होंने एशियाड में रजत पदक जीत लिया। इससे उन्होंने पूर्व विश्व चैम्पियन मानवजीत सिंह संधू की 2006 दोहा चरण की उपलब्धि की बराबरी की। 

नौकायन स्पर्धा में भी भारत को अच्छी खबर मिली। दुष्यंत चौहान और भारत पुरूष क्वाड्रपल स्कल्स टीम अपनी हीट में पहले स्थान पर रहने से फाइनल्स में पहुंची। चार साल पहले इंचियोन खेलों में सिंगल्स स्कल्स में कांस्य पदक जीतने वाले दुष्यंत ने सात मिनट 43.08 सेकेंड के समय से हीट में पहला और ओवरआल दूसरा स्थान हासिल किया।  स्वर्ण सिंह, दत्तू बब्बन भोकानल, ओम प्रकाश और सुखमीत सिंह ने आसानी से फाइनल में क्वालीफाई किया। उन्होंने छह मिनट 15.18 सेकेंड का समय निकाला और वे ओवरआल सबसे तेज रहे। 

टेनिस कोर्ट पर भारत के एकल विशेषज्ञ दूसरे वरीय रामकुमार रामनाथन और अंकिता रैना ने अच्छी शुरूआत की। वहीं करमन कौर थंडी ने भी आसानी से जीत दर्ज कर अगले दौर में प्रवेश किया। 

साक्षी ने किया निराश

भारत को निराशा भी हाथ लगी, जब ओलंपिक कांस्य पदकधारी साक्षी उत्तर कोरिया की सिम जोंग रिम से शर्मनाक तरीके से 2-12 से हार गयीं। वहीं स्टार सुसज्जित बैडमिंटन टीमों का भी यही हाल रहा, जिसमें दोनों टीमें क्वार्टरफाइनल चरण में बाहर हो गयीं। 

ओलंपिक रजत पदकधारी पीवी सिंधू और एच एस प्रणय ने अपने मुकाबले जीते लेकिन उन्हें बाकी खिलाड़ियों से सहयोग नहीं मिला जिससे भारत महिला और पुरूष टीम स्पर्धाओं में हार गया। महिला टीम शीर्ष वरीय जापान से 1-3 और पुरूष टीम मेजबान इंडोनेशिया से 1-3 से हारकर पदक दौड़ से बाहर हो गयी।  कबड्डी टीम का कोरिया से हारना सबसे निराशाजनक रहा लेकिन पदक की उम्मीद अब भी बनी हुई है क्योंकि यह ग्रुप ए का मैच था। भारत को दक्षिण कोरिया से 23-24 से हार मिली जिसने चार वर्ष पहले इंचियोन खेलों में कांस्य पदक जीता था। 

भारतीय जिम्नास्टिक दल का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा। पुरूष टीम स्पर्धा में भारत 229.950 अंक से नौंवे स्थान पर रहकर फाइनल्स में क्वालीफाई करने में असफल रहा। पुरूष टीम में 2010 कांस्य पदकधारी आशीष कुमार, राकेश पात्रा, गौरव कुमार, योगेश्वर सिंह और सिद्धार्थ वर्मा शामिल थे। 

तैराकी में भारत ने चार गुणा 200 मीटर के फाइनल्स में प्रवेश किया लेकिन श्रीहरि नटराज, सौरभ सांगवेकर, अविनाश मनी और नील राय की चौकड़ी 31.90 सेकेंड के समय के साथ ओवरऑल सातवें स्थान पर रही। 

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