एशियन गेम्स 2018: वुशु में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, चार मेडल जीते
By भाषा | Published: August 22, 2018 08:45 PM2018-08-22T20:45:46+5:302018-08-22T20:45:46+5:30
भारत ने इससे पहले 2006, 2010 और 2014 एशियाई खेलों की वुशु स्पर्धा में भी हिस्सा लिया था लेकिन मौजूदा खेलों का उसका प्रदर्शन अब तक का सर्वश्रेष्ठ है।
जकार्ता, 22 अगस्त: भारत के चारों वुशु खिलाड़ियों को सेमीफाइनल में हार के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा लेकिन इन्हें एशियाई खेलों के इतिहास में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सुनिश्चित किया। नाओरेम रोशिबिना देवी, संतोष कुमार, सूर्य भानु प्रताप सिंह और नरेंदर ग्रेवाल को सेंडा स्पर्धा के सेमीफाइनल मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा लेकिन इन्होंने भारत को एशियाई खेलों में एतिहासिक चार कांस्य पदक दिलाए।
भारत ने इससे पहले 2006, 2010 और 2014 एशियाई खेलों की वुशु स्पर्धा में भी हिस्सा लिया था लेकिन मौजूदा खेलों का उसका प्रदर्शन अब तक का सर्वश्रेष्ठ है। भारत ने इंचियोन में 2014 खेलों में दो कांस्य पदक जीते थे जिसमें ग्रेवाल का 60 किग्रा स्पर्धा का पदक भी शामिल था।
ग्रेवाल का आज का कांस्य पदक एशियाई खेलों का उनका दूसरा पदक है। भारत ने 2006 खेलों में एक कांस्य जबकि 2010 खेलों में एक रजत और एक कांस्य पदक जीता था। भारत की ओर से आज सबसे पहले रोशिबिना देवी चुनौती के लिए उतरी लेकिन उन्हें महिला सेंडा 60 किग्रा सेमीफाइनल में चीन की काइ यिंगयिंग के खिलाफ 0-1 से हार झेलनी पड़ी।
संतोष कुमार भी इसके बाद पुरुष सेंडा 56 किग्रा वर्ग में वियतनाम के ट्रोंग गियांग बुई के खिलाफ 0-2 से हार गए। भानु प्रताप सिंह की 60 किग्रा और ग्रेवाल की 65 किग्रा वर्ग में हार के साथ भारतीय खिलाड़ियों का फाइनल में जगह बनाने का सपना टूट गया। भानु प्रताप को इरफान अहानगारियन के खिलाफ 0-2 जबकि ग्रेवाल को उज्बेकिस्तान के अकमल रखिमोव के खिलाफ इसी अंतर से हार का सामना करना पड़ा।