पालतू कुत्तों को गुजारा भत्ता दीजिए, पति से अलग रह रही 55 वर्षीय पत्नी को हर महीने 50000 रुपये गुजारा भत्ता देने का निर्देश, जानें कोर्ट ने क्या कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 11, 2023 12:46 IST2023-07-11T12:46:04+5:302023-07-11T12:46:57+5:30

महिला ने अलग रह रहे अपने पति से गुजारा भत्ता मांगते हुए कहा है कि उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं तथा तीन पालतू कुत्ते भी उस पर निर्भर हैं।

mumbai court says Give alimony to pet dogs, instructions to give alimony of Rs 50000 per month to 55-year-old wife living separately from husband | पालतू कुत्तों को गुजारा भत्ता दीजिए, पति से अलग रह रही 55 वर्षीय पत्नी को हर महीने 50000 रुपये गुजारा भत्ता देने का निर्देश, जानें कोर्ट ने क्या कहा

सांकेतिक फोटो

Highlightsमामले में विस्तृत आदेश हाल में उपलब्ध हुआ है।पालतू कुत्तों के लिए गुजारा भत्ता नहीं दिया जा सकता। गुजारा भत्ते की राशि कम करने का यह आधार नहीं हो सकता।

मुंबईःमुंबई की एक अदालत ने घरेलू हिंसा के एक मामले में कहा कि पालतू पशु लोगों को स्वस्थ जीवन जीने में मदद करते हैं और रिश्तों में तकरार के कारण होने वाली भावनात्मक कमी को दूर करते हैं। इस मामले में एक महिला ने अलग रह रहे अपने पति से गुजारा भत्ता मांगते हुए कहा है कि उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं तथा तीन पालतू कुत्ते भी उस पर निर्भर हैं।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (बांद्रा अदालत) कोमलसिंह राजपूत ने 20 जून को दिए अंतरिम आदेश में व्यक्ति को अलग रह रही अपनी 55 वर्षीय पत्नी को हर महीने 50,000 रुपये गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया और उसकी यह दलील खारिज कर दी कि पालतू कुत्तों के लिए गुजारा भत्ता नहीं दिया जा सकता। इस मामले में विस्तृत आदेश हाल में उपलब्ध हुआ है।

मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘‘मैं इन दलीलों से सहमत नहीं हूं। पालतू पशु भी एक सभ्य जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा हैं। मनुष्य के स्वस्थ जीवन के लिए पालतू पशु आवश्यक हैं क्योंकि वे रिश्तों के टूटने से हुई भावनात्मक कमी को दूर करते हैं।’’ अदालत ने कहा कि इसलिए गुजारा भत्ते की राशि कम करने का यह आधार नहीं हो सकता।

महिला ने अदालत का रुख करते हुए कहा था कि उसकी शादी सितंबर 1986 में प्रतिवादी (बेंगलुरु के कारोबारी) से हुई थी। शादी के कई साल बाद उनके बीच कुछ मतभेद पैदा हो गए और 2021 में प्रतिवादी ने उसे मुंबई भेज दिया। याचिका के अनुसार, उसने अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देने तथा अन्य मूलभूत आवश्यकताएं पूरी करने का आश्वासन दिया था लेकिन यह वादा निभाया नहीं।

शादीशुदा जिंदगी के दौरान उसने कई बार घरेलू हिंसा की। याचिका में कहा गया है कि महिला की आय का कोई स्रोत नहीं है। वह बीमार है और उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं। इसके अलावा तीन कुत्तों की जिम्मेदारी भी उस पर है।

Web Title: mumbai court says Give alimony to pet dogs, instructions to give alimony of Rs 50000 per month to 55-year-old wife living separately from husband

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