महाराष्ट्र की चीनी मिलों को चीनी उत्पादन घटाने, एथेनॉल उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव

By भाषा | Updated: September 27, 2020 18:07 IST2020-09-27T18:07:33+5:302020-09-27T18:07:33+5:30

चीनी कारखाना महासंघ के चेयरमैन जयप्रकाश दांडेगांवकर ने कहा कि लगभग 250 लाख टन की आवश्यकता के मुकाबले देश में हर साल लगभग 310 लाख टन चीनी का उत्पादन होता है।

Maharashtra sugar mills suggested to reduce sugar production, focus on ethanol production | महाराष्ट्र की चीनी मिलों को चीनी उत्पादन घटाने, एथेनॉल उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsचीनी कारखाना महासंघ के चेयरमैन ने कहा कि तीन से चार महीने तक बफर स्टॉक के बाद भी देश में पर्याप्त चीनी है। चीनी कारखाना महासंघ के चेयरमैन ने कहा कि निर्यात के बाद भी अधिशेष उत्पादन होता है। इसलिये, उत्पादन में कटौती के बाद भी, कोई कमी नहीं होगी।

औरंगाबाद: महाराष्ट्र में चीनी उद्योग के एक शीर्ष संगठन ने अधिशेष भंडार को देखते हुए चीनी मिलों से चीन का उत्पादन कम करने तथा एथेनॉल के उत्पादन पर अधिक ध्यान देने को कहा है। महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी कारखाना महासंघ के चेयरमैन जयप्रकाश दांडेगांवकर ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इससे चीनी मिलों को अपना घाटा दूर करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि लगभग 250 लाख टन की आवश्यकता के मुकाबले देश में हर साल लगभग 310 लाख टन चीनी का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि तीन से चार महीने तक बफर स्टॉक के बाद भी देश में पर्याप्त चीनी है। उन्होंने कहा कि निर्यात के बाद भी अधिशेष चीनी का उत्पादन होता है। इसलिये, चीनी के उत्पादन में कटौती के बाद भी, कोई कमी नहीं होगी और दरें भी भिन्न नहीं होंगी।

दांडेगांवकर ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र हर साल 90 से 100 लाख टन चीनी का उत्पादन करता है। हम हर साल उत्पादन में 10 लाख टन की कटौती करने के लिये आगे बढ़ रहे हैं, और एथेनॉल का उत्पादन कर इसे पेट्रोलियम कंपनियों को प्रदान करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।’’

देश ने 2022 तक पेट्रोल के साथ 10 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने एथेनॉल उत्पादन का रुख करने वालों को प्रोत्साहन देने का भी फैसला किया है। दांडेगांवकर ने कहा, ‘‘हम 2021-22 तक चीनी उत्पादन को कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं।

एथेनॉल उत्पादन के लिये किसी अतिरिक्त सेट-अप की आवश्यकता नहीं है। यदि किसी कारखाने को नये बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है, तो सरकार प्रोत्साहन प्रदान करेगी।’’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में लगभग 100 सहकारी चीनी कारखाने हैं, जिनमें से लगभग 60 परिचालन में हैं। 

Web Title: Maharashtra sugar mills suggested to reduce sugar production, focus on ethanol production

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