महाराष्ट्र चुनाव: बीजेपी ने 125, शिवसेना ने बिना नाम बताए 124 उम्मीदवारों की लिस्ट की जारी, सीटों का बंटवारा 'फाइनल' नहीं
By अभिषेक पाण्डेय | Updated: October 1, 2019 15:30 IST2019-10-01T15:25:54+5:302019-10-01T15:30:39+5:30
Maharashtra polls 2019: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के लिए बीजेपी द्वारा 125 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के बाद शिवसेना ने जारी की 124 उम्मीदवारों की लिस्ट

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी-शिवसेना ने जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट
भारतीय जनता पार्टी (बीजपी) के मंगलवार को 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी करने के कुछ ही देर बाद शिवसेना ने भी अपनी 124 सीटों की लिस्ट जारी कर दी।
बीजेपी ने जहां 125 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है, तो वहीं शिवसेना ने बिना उम्मीदवारों का नाम लिए सिर्फ उन विधानसभाओं की लिस्ट जारी की है, जिन पर वह चुनाव लड़ेगी।
वहीं बीजेपी ने मंगलवार को 125 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करते हुए 12 विधायकों का टिकट काट दिया जबकि 52 विधायकों को फिर से टिकट दिया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस नागपुर साउथ वेस्ट से चुनाव लड़ेंगे।
साथ ही शिवाजी महाराज और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के वंशजों को भी टिकट दिया गया है। शिवाजी के वंशज शिवेंद्र सिंह को सतारा से और गंगाधर तिलक के परिवार की बहू मुक्ता तिलक को कस्बा पेस्ट से उतारा गया है।
बीजेपी 125, शिवसेना 124 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
माना जा रहा है कि शिवसेना के सीटों के ऐलान से बीजेपी और उसके बीच आगामी चुनावों में सीटों के विभाजन की संख्या भी सामने आ गई है। सोमवार को इन दोनों पार्टियों ने गठबंधन का ऐलान तो किया था, लेकिन सीटों की संख्या के बारे में नहीं बताया था।
मंगलवार के ऐलान का मतलब ये लगाया जा रहा है कि एनडीए गठबंधन के बीच महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों का बंटवारा इस प्रकार होगा, जिसमें बीजेपी को 125 सीटें, शिवसेना को 124 सीटें और बाकी 39 सीटें रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया जैसी छोटी पार्टियों के लिए छोड़ी गई हैं। 124 सीटों के साथ ही शिवसेना को बीजेपी कोटा की दो एमएलसी सीटें भी मिलेंगी।
शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दोनों पार्टियों को 288 सीटों में से ज्यादातर सीटों पर लड़ना था और छोटी पार्टियों के लिए काफी कम सीटें छोड़ी जानी थी, लेकिन सीटों के बंटवारे के इस फॉर्मूल पर बात बन नहीं पाई।
अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनावों में अपने शानदार प्रदर्शन को देखते हुए बीजेपी अपने लिए बड़ा हिस्सा चाहती थी, लेकिन शिवसेना इसके लिए तैयार नहीं थी।