महाराष्ट्रः विदर्भ और मराठवाड़ा के उद्योगों को सब्सिडी का लगा 'करंट', बढ़ गई परेशानी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: March 13, 2020 08:29 IST2020-03-13T08:29:19+5:302020-03-13T08:29:19+5:30
महाराष्ट्रः विदर्भ में 3024 उद्योगों के पास एचटी कनेक्शन है. मराठवाड़ा में यह संख्या 2104 है. इसके अलावा एल.टी. लाइन से भी कई उद्योगों को सब्सिडी मिलती है. लेकिन उद्योगों को राहत के साथ-साथ बिजली बिल भी अटक गए हैं.

विदर्भ, मराठवाड़ा के उद्योगों को मार्च में बिजली बिल नहीं मिला है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
कमल शर्मा
नागपुरः विदर्भ, मराठवाड़ा के उद्योगों को मार्च में बिजली बिल नहीं मिला है. उद्योजक परेशान हैं. कारण जानने का प्रयास करने पर जानकारी मिली कि इसके पीछे सब्सिडी है. वर्ष 2019-20 में उद्योगों को राहत देने के लिए हुआ 1200 करोड़ रु. का बजटीय प्रावधान समाप्त हो चुका है.
महावितरण ने राहत जारी रखने के लिए 300 करोड़ रु. की मांग की है. राज्य सरकार से यह निधि नहीं मिलने पर विदर्भ-मराठवाड़ा के उद्योगों को करारा झटका लगने की आशंका है. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने दोनों क्षेत्रों के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बिजली बिल में राहत देने का फैसला किया है.
पिछले तीन वर्षों से इसके लिए सरकार महावितरण को सब्सिडी दे रही है. 31 मार्च को समाप्त हो रहे आर्थिक वर्ष के लिए 1200 करोड़ रु. का आवंटन हुआ है. यह निधि फरवरी में ही समाप्त हो गई है. ऐसे में महावितरण ने मार्च में जारी होने वाले बिजली के बिलों में राहत के लिए 300 करोड़ रु. की मांग की है. लेकिन राज्य सरकार ने अब तक यह पैसे जारी नहीं किए हैं. इसका खामियाजा विदर्भ एवं मराठवाड़ा के उद्योगों को उठाना पड़ रहा है.
विदर्भ में 3024 उद्योगों के पास एचटी कनेक्शन है. मराठवाड़ा में यह संख्या 2104 है. इसके अलावा एल.टी. लाइन से भी कई उद्योगों को सब्सिडी मिलती है. लेकिन उद्योगों को राहत के साथ-साथ बिजली बिल भी अटक गए हैं. हर महीने की चार तारीख से पहले बिल पाने वाले उद्योग अब भी उसका इंतजार कर रहे हैं.