महाराष्ट्र चुनाव: बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं तावड़े, मेहता की नाराजगी, कहा, 'नहीं पता क्यों कटा टिकट'
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 5, 2019 07:27 IST2019-10-05T07:27:12+5:302019-10-05T07:27:12+5:30
Vinod Tawde, Prakash Mehta: आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए टिकट ना मिलने पर बीजेपी मंत्रियों तावड़े और मेहता ने जताई नाराजगी

बीजेपी के मंत्री विनोद तावड़े ने जताई टिकट न मिलने पर नाराजगी
मुंबई। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने शुक्रवार को यहां कहा कि मेरी विधानसभा की टिकट क्यों काटी गई, कुछ पता नहीं है। उसका विश्लेषण करने का समय भी नहीं है। पार्टी जो जिम्मेदारी देगी उसको स्वीकार करूंगा और पार्टी की जीत के लिए प्रयास करूंगा।
पूर्व मंत्री प्रकाश मेहता ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक पार्टी की विश्वास में लेकर सामूहिक रूप से निर्णय लेने की परंपरा रही है, लेकिन उसका पालन नहीं किया गया।
संवाददताओं से बातचीत में तावड़े ने कहा कि मेरी टिकट काटे जाने के पीछे कुछ कारण रहे होंगे। वरिष्ठ स्तर पर मैं इस बारे में चर्चा करूंगा। लेकिन मुझे तो कोई कारण दिखाई नहीं देता। पांच वर्ष के कार्यकाल में मुझ पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा। पार्टी बताएगी कि मुझसे क्या गलती हुई।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल मेरे लिए और प्रकाश मेहता के लिए काफी प्रयास कर रहे थे। उन्होंने भरपूर मदद भी की। लेकिन पार्टी का एक पार्लियामेंट्री बोर्ड होता है और उसके निर्णय के हिसाब से पार्टी चलती है।
प्रकाश मेहता ने जताई नाराजगी
प्रकाश मेहता ने अपनी नाराजगी स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी में आज तक सबको विश्वास में लेकर सामूहिक निर्णय होते रहे हैं। लेकिन मेरा टिकट काटते समय ऐसा नहीं किया गया और न ही मुझ दे चर्चा की गई। लेकिन चर्चा के बाद ही निर्णय लिया जाना चाहिए था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हो सकता है कि काफी समय से युति लटकी, बाहर के लोगों को पार्टी में लेना था, इसलिए समन्वय नहीं हो सका होगा।
बेटा बड़ा हो गया तो बाप को सेवानिवृत्त होना पड़ता है एक समय आप टिकट वितरण के बारे में निर्णय लेते थे। अब आपकी ही टिकट काट दी गई है। यह पूछे जाने पर पूर्व मंत्री एकनाथ खड़से ने कहा कि जब बेटा बड़ा हो जाता है और उसके पांव में बाप का जूता आने लगता है तो कई बार बाप को सेवानिवृत्त होना पड़ता है. समय है बदलता रहता है।