महाराष्ट्र चुनाव: जानें कौन हैं बीजेपी का 'मराठा' चेहरा माने जाने वाले चंद्रकांत पाटिल, जो पहली बार उतरे हैं चुनाव मैदान में
By अभिषेक पाण्डेय | Updated: October 2, 2019 13:45 IST2019-10-02T13:45:21+5:302019-10-02T13:45:21+5:30
Chandrakant Patil: बीजेपी का मराठा चेहरा माने जाने वाले चंद्रकांत पाटिल पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं, उन्हें पुणे की कोठरुद सीट से उतारा गया है

चंद्रकांत पाटिल को बीजेपी ने पुणे की कोथरुड सीट से उतारा है
महाराष्ट्र के बीजेपी प्रमुख और राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल 60 साल की उम्र में पहली बार विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमाने को तैयार हैं। देवेंद्र फडनवीस सरकार में नंबर दो पाटिल को पार्टी ने पुणे की कोठरुद विधानसभा सीट से उतारा है।
माना जा रहा है कि चंद्रकांत पाटिल को चुनावी मैदान में उतारकर बीजेपी मराठा चेहरे के अभाव को खत्म करना चाहती है। वैसे तो पार्टी में विनोद तावड़े, सुभाष देशमुख, संभाजी पाटिल और बबनराव लोनिकर जैसे कुछ अन्य मराठा नेता भी मौजूद हैं, लेकिन पार्टी ने पाटिल को टिकट देकर मराठा वोटर्स के बीच उनकी मजबूत पकड़ को भुनाने की कोशिश में है।
बीजेपी की नजरें पाटिल के जरिए मराठा वोट साधने पर
इससे पहले मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान भी चर्चाओं और फैसले के लिए देवेंद्र फडनवीस ने चंद्रकांत पाटिल को ही आगे किया था और उस समय बनीं कैबिनेट उपसमितियों के प्रमुख थे।
पाटिल पर पश्चिमी महाराष्ट्र को संभालने की जिम्मेदारी है, जहां बीजेपी की नजरें अधिकतम सीटें जीतने पर होंगी। अमित शाह के करीबी माने जाने वाले पाटिल को पुणे की कोठरुड सीट से उतारा गया है, जिसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है। पाटिल शुरू में चुनाव लडऩे के इच्छुक नहीं थे, लेकिन बीजेपी उन्हें पार्टी के मराठा चेहरे के तौर पर आगे करना चाहती है।
कौन हैं बीजेपी का मराठा चेहरा बने चंद्रकांत पाटिल
10 जून 1959 को पश्चिम महाराष्ट्र में जन्मे चंद्रकांत पाटिल को दादा पाटिल के नाम से भी जाना जाता है। उनके पिता मिल में काम करते थे। पाटिल का बचपन मुंबई की प्रभुदास चॉल में बीता। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा राजा शिवाजी विद्यालय से हासिल की। उन्होंने सिद्धार्थ कॉलेज (फोर्ट) से 1985 में ग्रैजुएशन किया।
वह 1982 में 18 साल की उम्र में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गए थे। 1985 में वह एवीबीपी के प्रदेश मंत्री और 1990 में अखिल भारतीय मंत्री चुने गए।
वह 2004 में भारतीय जनता पार्टी जुड़े और 2013 में उपाध्यक्ष चुने गए। जून 2014 में उन्हें महाराष्ट्र विधान परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया। जून 2014 में उन्हें महाराष्ट्र विधान परिषद का सदस्य चुना गया।
अक्टूबर 2014 में वह देवेंद्र फड़नवीस की महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बने और वर्तमान में वह महाराष्ट्र के राजस्व, राहत और पुनर्वास और लोक निर्माण विभाग मंत्रालय संभाल रहे हैं।