Maharashtra Assembly Election 2019: बीजेपी-शिवसेना के बीच 162-126 सीटों का फार्मूला तय, 1-2 दिन में हो सकती है घोषणा
By भाषा | Updated: September 21, 2019 10:02 IST2019-09-21T10:02:47+5:302019-09-21T10:02:47+5:30
महाराष्ट्र में अन्य सहयोगी और छोटे दलों को भाजपा 162 सीटों के अपने कोटे से ही जगह देगी. ऐसी भी चर्चा है कि भाजपा कमल के चिह्न् पर चुनाव लड़ने के लिए छोटे सहयोगियों को साधने की कोशिश करेगी.

Maharashtra Assembly Election 2019: बीजेपी-शिवसेना के बीच 162-126 सीटों का फार्मूला तय, 1-2 दिन में हो सकती है घोषणा
महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और शिवसेना के बीच सीट बंटवारे को लेकर लंबी माथापच्ची के बाद अंतिम मुहर लग गई है. सूत्रों के मुताबिक, गुरु वार देर रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस, शिवसेना नेता व उद्योग मंत्री सुभाष देसाई के बीच मैराथन बैठक में तय हुआ कि भाजपा 162 सीटों पर और शिवसेना बाकी बची हुई 126 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. 2014 के विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बनने की वजह से दोनों पार्टियों के बीच 25 साल पुराना गठबंधन टूट गया था और दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था.
महाराष्ट्र में अन्य सहयोगी और छोटे दलों को भाजपा 162 सीटों के अपने कोटे से ही जगह देगी. ऐसी भी चर्चा है कि भाजपा कमल के चिह्न् पर चुनाव लड़ने के लिए छोटे सहयोगियों को साधने की कोशिश करेगी. एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने बताया कि सीटों के बंटवारे को लेकर आधिकारिक घोषणा एक या दो दिन में हो जाएगी.
शिवसेना का 50-50 का गणित
इससे पहले शिवसेना 50-50 के फार्मूले पर जोर दे रही थी. शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने गुरु वार को कहा था कि भाजपा को 50-50 फामरुले का सम्मान करना चाहिए. भाजपा को नसीहत देते हुए शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राऊत ने कहा था, अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस की मौजूदगी में जो 50-50 फामरुला तय हुआ था, भाजपा को उसका सम्मान करना होगा.
भाजपा 120 से ज्यादा सीटें देने को राजी नहीं थी
इससे पहले भी चर्चा थी कि भाजपा शिवसेना को 120 से ज्यादा सीटें देने को राजी नहीं है. जबकि शिवसेना विधानसभा में 135 सीटों पर लड़ना चाहती है और भाजपा के हिस्से में भी इतनी ही सीटें देना चाहती है. वहीं, बाकी बची 18 सीटें सहयोगियों के लिए रखने के फार्मूले पर वह राजी है, लेकिन अब भाजपा इसे स्वीकार नहीं कर रही.
भाजपा का वोट शेयर बढ़ा
भाजपा का तर्क है कि 2014 के चुनाव के मुकाबले इस साल आम चुनाव में पार्टी का वोट शेयर बढ़ गया है और पीएम नरेंद्र मोदी की छवि के बूते ही लोकसभा में शिवसेना के 18 नेता अपनी सीटों को सुरिक्षत रख पाए. इसलिए शिवसेना के मुकाबले भाजपा ज्यादा सीटों पर दावा ठोक रही है.