भोपाल:मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सूबे की महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण तथा उनके आर्थिक स्वावलम्बन के लिए चलाये जा रहे लाड़ली बहना योजना को भारतीय राजनीति में सामाजिक क्रांति का नया आगाज बताया है। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना भारतीय राजनीति में एक ऐसी सामाजिक क्रांति है, जो माताओं और बहनों की जिंदगी बदलने के साथ ही विकास के हर क्षेत्र में मध्यप्रदेश को आगे ले जायेगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात रविवार को विकास पर्व के तहत सीहोर जिले की भेरूंदा तहसील के गोपालपुर में जनदर्शन के बाद एक बड़ी जनसभा में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कही। इस मौके पर मुख्यमंत्री चौहान ने गोपालपुर टप्पा से जुड़े पटवारी हल्के और गांव को मिलाकर गोपालपुर को तहसील बनाने, लगभग दो दर्जन ग्रामीण मार्गो की लंबाई बढ़ाने, गोपालपुर के मजरे टोलों में विद्युत क्षमता के विस्तार और नई गौ-शालाओं के निर्माण की घोषणा की।
उन्होंने गोपालपुर में 50 करोड़ 36 लाख रूपए के अनेक निर्माण एवं विकास कार्यों का भूमि- पूजन और एक करोड़ 69 लाख की लागत से बने नवीन विद्युत उपकेन्द्र गोपालपुर का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री चौहान ने गोपालपुर में कहा कि उन्होंने भाजपा सरकार को बतौर मुख्यमंत्री नहीं बल्कि परिवार के सदस्य के रूप में चलाई है।
उन्होंने कहा कि "मैं भांजे-भांजियों का मामा होने के नाते स्वाभाविक रूप से बहनों का भाई हूं और हमेशा बहनों को मजबूत बनाने के लिए कार्य करता रहता हूं। बहनों को जरूरत पर निकट संबंधी सौ-दो सौ रुपए देने के लिए बहाने बनाते हैं। बहनों को बच्चों के सामने मजबूर होते देखा है। लाड़ली बहना योजना बनाने के पीछे मेरा मकसद बहनों को घर, परिवार और समाज में मजबूत करना है।"
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ये 1000 रुपए नहीं बहनों के स्वाभिमान और सम्मान का प्रतीक हैं और इसके लिए फिर से पोर्टल खोला गया है ताकि अन्य बहनों को भी इस योजना में शामिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि आज उनकी सवा करोड़ बहनें हैं, उनके जीवन में इससे ज्यादा संतुष्टि कुछ भी नहीं हो सकती। अभी बहनों को प्रतिमाह 1000 रुपए देने में साल भर में 15 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। लेकिन बहनें चिंता न करें, उनका भाई खजाने में पैसा आते ही बहनों की राशि धीरे-धीरे बढ़ाकर 3000 रुपए करके ही दम लेगा।
सीएम शिवराज ने कहा कि वो अपने रहते बहनों को गरीब नहीं रहने देंगे। बहनों को स्व-सहायता समूह से जोड़कर विभिन्न कामों में लगाकर उनकी मासिक आमदनी कम से कम 10 हजार रुपए महीना करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी जितनी भी योजनाएं हैं, वे गरीब, महिला, वंचित और किसानों के आंसू पोंछकर उन्हें खुशहाल बनाने के लिए हैं। वे लोगों के जीवन में खुशहाली ला पाएं तो ही जीवन को सार्थक समझेंगे
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के आखिर में कहा कि आज जो विकास दिख रहा है वह पिछली सरकारों के 50 साल में भी नहीं हुआ। सड़कें हों, स्वास्थ्य हो, खेतों और घर के लिए पानी हो, शिक्षा हो, हर क्षेत्र में सरकार ने उपलब्धि अर्जित की है। आज किसान पहले से अधिक सशक्त हुआ है। हमने जीरो प्रतिशत ब्याज पर किसानों को लोन दिया है, तो पिछली सरकार की गलत नीतियों से डिफाल्टर हुए किसानों का 2200 करोड़ का ब्याज भी हमारी सरकार ने भरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी किसानों को हर साल 6 हजार देते हैं और अब उनकी सरकार भी 6 हजार रूपये देगी, जिससे किसान के खाते में अब हर साल 12 हजार रुपए आयेंगे।