अतिवृष्टी से किसानों की फसले बर्बाद हो गई. पीड़ित किसानों को राहत देने के नाम पर सरकार उनके साथ अपराधियों जैसा सुलूक कर रही है। सरकार द्वारा किसानों के गले में अपराधियों की तरह पट्टी बांध कर खराब फसल का सर्वे करवाया जाना बेहद ही निंदनीय है. यह बात मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विदिशा जिले के ग्यारसपुर से सटे मनोरा गांव में सर्वे के नाम पर किसानों के हाथों में कैदियों की तरह स्लेट पकड़ा कर उनकी तस्वीर खिंचे जाने की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कही.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बाढ़ और अतिवृष्टि से किसान परेशान है. प्रशासन से राहत मिलने का किसान इंतजार कर रहे है. लेकिन सरकार राहत देने के बजाय उनके साथ इस प्रकार के कृत्य कर रही है. जो कि कमलनाथ सरकार के अमानवीय चेहरे को उजागर करता है. उन्होंने प्रशासन के इस कृत्य की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुए कहा कि यह सरकार किसानों को ओर कितना अपमानित करेंगी?
दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें सरकार
नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने प्रशासन के इस कृत्य को अमानवीय मानते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि सर्वे के नाम पर जिस तरह का प्रशासन ने बर्ताव किया है. इस तरह का बर्ताव आमतौर पर ऐसे कैदियों के लिए किया जाता है जो आदतन अपराधी होते हैं और पुलिस को उनकी पहचान के लिए रिकार्ड में फोटो रखना होती है. स्लेट पर अपराध की जगह किसान का नाम, फसल का नाम, खसरा नंबर और जमीन के बारे में लिखा गया है. अपमानजनक है. नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.