लोकसभा चुनाव 2019: 16 साल बाद चुनावी मैदान में उतरेंगे दिग्विजय सिंह, 10 साल तक चुनाव नहीं लड़ने की खाई थी कसम

By धीरज पाल | Updated: March 23, 2019 15:56 IST2019-03-23T15:55:43+5:302019-03-23T15:56:51+5:30

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को देश के बडे़ नेताओं में से एक माना जाता है। दिग्विजय सिंह 1993 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बनकर एक नया इतिहास रचा था।

Lok Sabha Chunav 2019: Digvijaya Singh, former CM of MP and senior congress leader, to contest election after 16 years | लोकसभा चुनाव 2019: 16 साल बाद चुनावी मैदान में उतरेंगे दिग्विजय सिंह, 10 साल तक चुनाव नहीं लड़ने की खाई थी कसम

लोकसभा चुनाव 2019: 16 साल बाद चुनावी मैदान में उतरेंगे दिग्विजय सिंह, 10 साल तक चुनाव नहीं लड़ने की खाई थी कसम

Highlightsदिग्विजय सिंह 22 साल की उम्र में राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी1985 में राजीव गांधी ने दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह 16 साल बाद चुनावी मैदान में दिखाई देंगे। इस लोकसभा चुनाव नें दिग्विजय  भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे। शनिवार (23 मार्च) को एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस चुनाव समिति ने दिग्विजय सिंह का नाम भोपाल के लिए तय किया है। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को देश के बडे़ नेताओं में से एक माना जाता है। दिग्विजय सिंह 1993 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बनकर एक इतिहास रचा था। उन्होंने 2003 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। साल 2003 में मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे कम सीट मिली और प्रदेश में उनकी सरकार सत्ता से बाहर हो गई।

2003 की विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद उन्होंने 10 साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ने और राजनीतिक गलियारों से दूर रहने का ऐलान किया था। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 230 में 38 सीटें मिली थी। दिग्विजय सिंह अक्सर विवादित बयान देकर सुर्खियों में बने रहते हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर में ऐसे कई दौर देखें। आइए जानते हैं उनके राजनीतिक सफर से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें:

दिग्विजय सिंह का राजनीतिक सफर

- दिग्विजय सिंह 22 साल की उम्र में राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। वे पहली बार 1969 में राघौगढ़ नगर परिषद के अध्यक्ष चुने गए थे।
-   1977 में गुना के जिला राघौगढ़ से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक  चुने गए। 
-1980 में एक बार फिर विधानसभा सदस्य के लिए चुना गया और अर्जुन सिंह के मंत्रिमंडल में मंत्री बने। 
- दिग्विजय सिंह 1984 में पहली बार राजगढ़ संसदीय सीट से चुनाव जीतकर सांसद के रूप में चुने गए। 1991 में उन्हें दूसरी बार सांसद के रूप में चुना गया।
- 1985 में राजीव गांधी ने दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था और 1988 तक वो अध्यक्ष बने रहे। 
-  1992 में उन्हें दोबारा मध्य प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष बनाया गया। 
-  दिसंबर 1993 दिग्विजय सिंह को पहली बार विधायक दल के नेता के रूव में चुना गया और प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। - 2003 तक वो प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहे। 
- 2004 - 2018 के तक महासचिव के रूप में ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और गोवा राज्यों के लिए पार्टी का काम संभाला था।
- उनका जन्म 28 फरवरी 1947 को हुआ था और उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई डेली कॉलेज इंदौर में एक प्रसिद्ध पब्लिक स्कूल से की।

दिग्विजय सिंह के विवादित बयान

दिग्विजय सिंह अक्सर विवादित बयान के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने आरएसएस के एक स्थानीय वकील व स्वयंसेवक ने उनके एक विवादास्पद ट्वीट जिसमे उन्होंने लिखा था ‘बच्चा बच्चा राम का, राघव जी के काम का’ के कारण शिकायत दर्ज की थी।  

इसके अलावा मंदसौर की एक कांग्रेस सांसद मीनाक्षी नटराजन के खिलाफ टिप्पणी की थी। जिसके बाद उन्हें आलोचनाएं भी झेलनी पड़ी थी। 

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