उज्जैन: कभी शिप्रा नदी में दो सौ लोगों को डूबने से बचाने वाला अर्जुन पिता अंबूलाल कहार 35 वर्ष निवासी चार धाम मल्टी खूद शिप्रा में डूब गया।
बुधवार सुबह उसका शव नदी में तैरता हुआ पुलिस ने बरामद किया है।कुछ वर्ष पूर्व कलेक्टर उज्जैन ने अर्जुन का उसकी सामाजिक सेवा के लिए सम्मान भी किया था।
अर्जुन को हाल ही में नगर निगम आयुक्त ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत सम्मान पत्र भी दिया था। सिंहस्थ 2004 एवं 2016 में अपनी सेवा दे चुके अर्जुन का शव बुधवार सुबह रामघाट पर रस्सी में फंसा हुआ तैरता मिला।
शिप्रा तैराक दल के सदस्य तेजा कहार ने बताया कि मंगलवार शाम को अर्जुन रामघाट पर नहाने गया था।उसके बाद से उसका पता नहीं चला था। संभवत: नदी में तैरते समय उसका पैर नदी में बंधी रस्सी में उलझा और उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
महाकाल सीएसपी ओपी मिश्रा ने बताया नगर निगम के कर्मचारियों ने नदी में लाश तैरने की जानकारी महाकाल थाना पुलिस को दी थी। लाश फूलने के कारण नदी के किनारे पर आ गई थी।
पुलिस ने मर्ग कायम करते हुए शव बरामद कर जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम रूम भेज कर उसका पोस्ट मार्टम करवाया है।मृतक युवक अपने भाई के साथ चार धाम मल्टी में रहता था।शव परिजनों को सुपुर्द किया गया है।