Exclusive Interview: दक्षिण कोरिया में नौकरी करते थे कनिष्क कटारिया, भारत लौटकर बने यूपीएससी टॉपर

By आदित्य द्विवेदी | Published: April 6, 2019 09:25 AM2019-04-06T09:25:15+5:302019-04-06T09:25:15+5:30

यूपीएससी टॉपर कनिष्क कटारिया अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के साथ गर्लफ्रेंड को भी देते हैं। उन्होंने लोकमत न्यूज के साथ विशेष बात-चीत की। पढ़िए साक्षात्कार के प्रमुख अंश

UPSC Civil Services Result 2018 topper Kanishka Kataria Exclusive Interview with Lokmat Hindi | Exclusive Interview: दक्षिण कोरिया में नौकरी करते थे कनिष्क कटारिया, भारत लौटकर बने यूपीएससी टॉपर

Exclusive Interview: दक्षिण कोरिया में नौकरी करते थे कनिष्क कटारिया, भारत लौटकर बने यूपीएससी टॉपर

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा 2018 के फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिए हैं। राजस्थान के कनिष्क कटारिया ने इस परीक्षा में टॉप किया है। आईआईटी बंबई से बीटेक की पढ़ाई की पढ़ाई कर चुके कनिष्क साउथ कोरिया में जॉब करते थे। 2017 में वो स्वदेश वापस लौटे और यूपीएससी टॉप किया। कनिष्क अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के साथ गर्लफ्रेंड को भी देते हैं। उन्होंने लोकमत न्यूज के साथ विशेष बात-चीत की। पढ़िए साक्षात्कार के प्रमुख अंश...

ये आपका कौन सा प्रयास था?

पूरी कोशिश के साथ ये मेरा पहला ही प्रयास था। एकबार मैंने 2014 में परीक्षा दी थी लेकिन उस वक्त गंभीर नहीं था। मेरे पापा ने फॉर्म भर दिया था लेकिन उस वक्त मैंने नहीं सोचा था  कि यूपीएससी करूंगा।

आपकी पढ़ाई-लिखाई कहां से हुई है? वैकल्पिक विषय क्या था?

मेरी ज्यादातर पढ़ाई कोटा से हुई है। इसके बाद मैंने आईआईटी बॉम्बे से बीटेक किया। उसके बाद मैंने साउथ कोरिया में जॉब की। यूपीएससी के लिए मैथमैटिक्स मेरा वैकल्पिक विषय था।

आपने सिविल सर्विस की तैयारी करने का फैसला कब किया?

2017 में मैंने तय किया कि मुझे पब्लिक सर्विस में जाना है और मैं इंडिया आ गया। उससे पहले कॉलेज प्लेसमेंट के जरिए मैं साउथ कोरिया में जॉब करता था। मुझे एहसास हुआ कि मैं अपने पोटेंशियल को इंडिया में भी यूटीलाइज कर सकता हूं। मेरे पापा भी पब्लिक सर्विस में थे। उसके बाद मैं पूरे मन से लग गया।

तैयारी के दौरान रूटीन क्या रहता था?

रूटीन मेरा बहुत सिस्टमैटिक रहता था। 10-12 घंटे पढ़ाई के लिए देता था। मैं दिल्ली में रहकर कोचिंग भी की तो इसके लिए मैं सेल्फ स्टडी और कोचिंग को मैनेज करता था। मेरा मानना है कि पढ़ाई के घंटे इतने महत्वपूर्ण नहीं हैं। पूरी एकाग्रता के साथ आप जितना पढ़ते हैं वो ज्यादा महत्व रखता था।

तैयारी के लिए किस पर ज्यादा आश्रित रहे- किताबें या इंटरनेट?

किताबों से मैंने बेसिक्स पढ़ाई की। एनसीआरटी की किताबें। मैथ्य की तैयारी के लिए मैंने नोट्स का सहारा लिया। इसके अलावा करेंट अफेयर्स के लिए मैंने इंटरनेट का इस्तेमाल किया। सोशल मीडिया से मैंने दूरी बनाए रखी। मैं यूज करता था लेकिन कभी-कभी। सिर्फ ये देखने के लिए कि दोस्त यार क्या कर रहे हैं।

नए अभ्यर्थियों के लिए क्या संदेश देना चाहते हैं?

संदेश तो यही है कि सबको अपने ऊपर सेल्फ कॉन्फिडेंस हो और मेहनत करें तो एग्जाम क्लियर कर सकते हैं। इस परीक्षा का एक्स्ट्रा बर्डन नहीं लेना चाहिए वरना एफिसिएंसी प्रभावित होती है। इसको सिर्फ एक नॉर्मल परीक्षा की तरह ट्रीट करना चाहिए। जिसको क्लियर करके अच्छा काम करना है। बोझ नहीं बनाना चाहिए।

यूपीएससी के साक्षात्कार की तैयारी कैसे की?

साक्षात्कार के लिए मैंने घर पर ही तैयारी की। एक्पोजर के लिए 2-3 जगह मॉक इंटरव्यू दिए। इसके अलावा पापा और अन्य सीनियर्स ने कुछ टिप्स दिए। इसके अलावा कई तरह के न्यूज पेपर पढ़ता था। क्योंकि कई बार एक ही न्यूजपेपर पढ़ने से आप एक ही तरह से सोचने लगते हैं। इसके अलावा राज्यसभा टीवी की डीबेट भी सुनता था। मैंने कई नोट्स बनाए थे मेरे जॉब के ऊपर, पढ़ाई के ऊपर। मैं भाग्यशाली रहा कि मेरा इंटरव्यू इन्हीं चीज़ों पर आधारित था। 

क्या आपको उम्मीद थी कि टॉप कर जाएंगे?

मैंने पहली बार यूपीएससी का इंटरव्यू दिया था। मुझे अंदाजा नहीं था कि कैसे मार्क्स मिलेंगे। क्योंकि वैल्यू एडेड मार्किंग होती है। ऑप्शनल मेरा अच्छा हुआ था इसलिए मुझे ये था कि क्लियर हो जाएगा। लेकिन टॉपर का नहीं सोचा था।

सफलता का श्रेय किसे देना चाहते हैं?

बहुत सारे लोग हैं जिन्हें मैं थैंक्स बोलना चाहता हूं लेकिन मेरे पैरेंट्स और मेरी सिस्टर। इन लोगों ने मेरी बहुत मदद की। मेरी मां ने हमेशा सुनिश्चित किया कि मुझे घर में पढ़ाई के लिए अच्छा माहौल मिल सके। कई सारे दोस्तों ने भी हेल्प किया। मेरी गर्लफ्रेंड ने भी मोरल और इमोशनल सपोर्ट दिया। 

गर्लफ्रेंड से कहां मुलाकात हुई?

मेरी गर्लफ्रेंड के साथ मैं 8-9 साल से हूं। कॉलेज से ही हम दोनों साथ हैं। इतने वक्त में एक इमोशनल कनेक्ट बन जाता है। जब मैं निराश होता तो वो मोटिवेट करती कि नहीं तुम कर सकते हो। इसी तरह मेरे पैरेंट्स भी हमेशा सपोर्टिव रहे।

इन लोगों का कैसा रिएक्शन था जब आपने टॉप किया

ऐसा किसी को एक्सपेक्ट नहीं था, इसलिए जब रिजल्ट आया तो सब हैरान थे। मैंने भी टॉप 50 या 100 सोचा था लेकिन टॉपर नहीं। इतना था भरोसा था कि आईएएस क्लियर हो जाएगा।

सुनिए पूरा इंटरव्यू-

English summary :
UPSC Civil Services Result 2018 topper Kanishka Kataria Exclusive Interview with Lokmat Hindi. Get the inspirational success story of UPSC Civil Services Result 2018 topper Kanishka Kataria, From IIT to UPSC AIR 1.


Web Title: UPSC Civil Services Result 2018 topper Kanishka Kataria Exclusive Interview with Lokmat Hindi

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