Coronavirus Impact: जोमैटो 13% कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी में, शेष की सैलरी में 50 प्रतिशत तक की होगी कटौती
By मनाली रस्तोगी | Published: May 16, 2020 10:04 AM2020-05-16T10:04:45+5:302020-05-16T10:13:31+5:30
लॉकडाउन की वजह से कई कंपनियों को घाटा उठाना पड़ रहा है। ऐसे में ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने फैसला किया है कि वो अपने 13 फीसद कर्मचारियों की छंटनी करेगी, जबकि बाकी बचे कर्मचारियों की सैलरी में 50 फीसद तक की कटौती की जाएगी।
नई दिल्ली:कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप की वजह से 17 मई तक देश लॉकडाउन है। ऐसे में लॉकडाउन के कारण कई कंपनियों को घाटा उठाना पड़ रहा है। इस बीच ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने भी अपने 13 फीसद कर्मचारियों की छंटनी का फैसला किया है। इसके अलावा बाकी बचे कर्मचारियों की सैलरी में 50 फीसद तक की कटौती की जाएगी। जोमैटो ने ये फैसला कोरोना वायरस के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण डिमांड में कमी आने की वजह से लिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी में लगभग 4,000 कर्मचारी काम करते हैं। जोमैटो के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दीपिंदर गोयल ने कहा कि कंपनी के कारोबार के कई पहलुओं में पिछले कुछ महीनों में नाटकीय रूप से बदलाव आया है और इनमें से कई बदलाव स्थायी होने वाले हैं। उन्होंने कहा, 'हम एक अधिक केंद्रित जोमैटो तैयार करना जारी रखेंगे लेकिन हमें अपने सभी कर्मचारियों के लिये पर्याप्त काम मिल पाने की उम्मीद नहीं दिख रही है। हम करीब 13 प्रतिशत कर्मचारियों को आगे अपने साथ रख पाने में सक्षम नहीं होंगे।'
उन्होंने कहा कि जो भी कर्मचारी छंटनी से प्रभावित हुए हैं, उन्हें अगले 24 घंटे के भीतर कंपनी की नेतृत्व टीम से जूम कॉल का निमंत्रण मिलेगा। इनके अलावा वैसे कर्मचारी जिन्हें अभी निकाला नहीं जा रहा है, लेकिन उनके लिये कंपनी के पास काम नहीं है तो उन्हें 50 प्रतिशत ही वेतन मिलेगा। गोयल ने कहा कि ऐसे कर्मचारियों से हम उम्मीद करते हैं कि वे अपना पूरा समय और अपनी पूरी ऊर्जा नयी नौकरी खोजने में लाएंगे। कंपनी जून से अपने सभी कर्मचारियों के वेतन में 50 प्रतिशत तक कटौती करने जा रही है।
बता दें कि देश में कोरोना वायरस के कारण स्थिति बेहद गंभीर है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस से संक्रमित अब तक कुल 85,940 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से जहां 30,153 ठीक या डिस्चार्ज हुए हैं तो वहीं 2752 लोगों की मौत हो चुकी है।