कोरोना वायरस संकटः रोजगार बाजार पर दिख रहा असर, इस साल भी नियुक्तियां जारी रहेंगी, पर गति होगी कम
By भाषा | Published: May 13, 2020 02:27 PM2020-05-13T14:27:00+5:302020-05-13T14:27:00+5:30
देश में कोरोना का असर दिख रहा है। इसका असर विश्व इकोनॉमी में देखने को मिल रहा है। दुनिया भर में कई कंपनियों ने नई नियुक्तियां टाल दी है। कई ने इस साल तो नौकरी ही खत्म करने का एलान किया है।
नई दिल्लीः कोरोना वायरस संकट का असर रोजगार बाजार पर साफ दिख रहा है और कुछ कंपनियों ने नई नियुक्तियां टाल दी हैं। हालांकि उद्योग जगत से जो आंकड़े आ रहे हैं, उसे लगता है कि इस साल नियुक्तियां जारी रहेंगी लेकिन उसकी गति जरूर कम होगी।
कार्यकारी स्तर के कर्मचारियों को नौकरी के बारे में सूचना देने वाली ग्लोबलहंट की रिपोर्ट के अनुसार इस साल नियुक्ति प्रक्रिया लगभग थम सी गयी है लेकिन कुछ उद्योग ऐसे भी हैं जहां अब भी मांग है और आने वाले समय में मांग बढ़ सकती है। कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ से विमानन, यात्रा और होटल, वाहन, खुदरा तथा विनिर्माण क्षेत्र का पहिया लगभग थम गया है। इसका कारण मांग के साथ-साथ आपूर्ति का बाधित होना है।
हालांकि कुछ क्षेत्रों में कोविड-19 संकट एक अवसर के रूप में दिख रहा है। ‘कोविड-19 काल में नियुक्ति’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार ‘लाइफ साइंस’ और स्वास्थ्य से जुड़े उद्योगों में प्रतिभा की मांग बढ़ेगी। इन क्षेत्रों को अपनी क्षमता बढ़ाने की जरूरत है और इसके लिये कार्यबल की जरूरत होगी। इसके अलावा दूरसंचार क्षेत्र में भी तत्काल मांग बढ़ने की उम्मीद है। इसका कारण बड़ी संख्या में लोगों का घर से ही काम करना है और यह प्रवृत्ति आगे भी बनी रह सकती है। इसके अलावा ई-वाणिज्य क्षेत्र का भी दायर बढ़ेगा क्योंकि जो लोग अभी ऑनलाइन खरीदारी नहीं कर रहे थे, वे भी अब इससे जुड़ सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल भुगतान मंच उपलब्ध कराने वाली कंपनियों में भी नये लोगों की मांग होगी। यह स्थिति तबतक होगी जबतक लोग खरीदारी के लिये बाहर नहीं निकलने लगते। यह रिपोर्ट प्रमुख संगठनों के संभावित नियोक्तओं और नौकरी चाहने वालों से बातचीत के आधार पर तैयार की गयी है।
इसमें यह भी कहा गया है कि वेतन और वेतन वृद्धि पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ेगा। कोरोना वायरस संकट से पहले एक नौकरी छोड़कर दूसरी कंपनी में जाने पर वेतन में 30 से 50 प्रतिशत तक की वृद्धि होती थी लेकिन रोजगार के अवसर कम होने के कारण यह 15 से 25 प्रतिशत ही रह सकता है।
ग्लोबल हंट इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील गोयल ने कहा, ‘‘लोगों को नौकरी स्वीकार करने को लेकर थोड़ा लचीला रुख अपनाना होगा। साथ ही कंपनियों को भी लचीला रुख अपनाने की जरूरत होगी। कुछ छंटनी हो सकती है, वेतन में भी कटौती होगी, कर्मचारियों को महीने में कम दिन ही काम करने का अवसर मिल सकता है लेकिन एक-दो तिमाही में स्थिति बदलेगी और चीजें ढर्रे पर आएंगी।’’