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वाईएसआरसी संसद के मानसून सत्र में कृष्णा नदी जल विवाद और आंध्र के विशेष दर्जा का मुद्दा उठाएगी

By भाषा | Updated: July 15, 2021 16:57 IST

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अमरावती (आंध्र प्रदेश), 15 जुलाई आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस संसद के आगामी मानसून सत्र में तेलंगाना के साथ चल रहे कृष्णा नदी जल विवाद और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में किए गए वादे को पूरा करने के मुद्दे को उठाएगी।

वाईएसआर कांग्रेस, संसद में किए गए वादे के तहत आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग को भी दोहराएगी। संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है, इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने पार्टी के सांसदों के साथ बैठक की और संसद में अपनाई जाने वाली पार्टी की रणनीति पर चर्चा की।

वाईएसआरसी के संसदीय दल नेता वी विजयसाई रेड्डी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वे पड़ोसी राज्य तेलंगाना की सरकार द्वारा गैरकानूनी तरीके से कृष्णा नदी के जल का इस्तेमाल विद्युत उत्पादन में करने और आंध्र प्रदेश की सिंचाई और पेयजल जरूरतों से वंचित करने का मुद्दा उठाएंगे।

राज्य पहले ही इस संबंध में उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर चुका है।

विजयसाई ने कहा, ‘‘हम तेलंगाना द्वारा गैर कानूनी तरीके से कृष्णा नदी पर निर्माण की जा रही परियोजना का मुद्दा उठाएंगे। हम केंद्र सरकार से तुरंत कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड के न्यायाधिकार क्षेत्र को अधिसूचित करने की मांग करेंगे।’’

विशाखापत्तनम इस्पात कारखाना का संदर्भ देते हुए राज्यसभा सदस्य ने कहा कि वाईएसआर उसके निजीकरण का विरोध करती है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले ही विशाखापत्तनम इस्पात कारखाना को बेचने के बजाय कई वैकल्पिक उपाय अपनाने की सलाह दी है। हम केंद्र से मांग करेंगे कि वह इस कारखाने में विनिवेश के फैसले को वापस ले।’’

उन्होंने बताया कि तेलंगाना सरकार पर 6,100 करोड़ रुपये बिजली का बकाया है। इस बकाये के भुगतान के लिए केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग की जाएगी। विजयसाई ने दोहराया कि वे आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का देने की मांग से समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमने दर्जनों बार इस मुद्दे को केंद्र के समक्ष उठाया और आगे भी इस मुद्दे को उठाना जारी रखेंगे। साथ ही आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 में किए गए सभी वादे को पूरा किया जाना चाहिए।’’

राज्य सभा सदस्य ने कहा कि केंद्र सरकार ने अबतक पोलावरम परियोजना की संशोधित लागत 55 हजार करोड़ को मंजूरी नहीं दी है। यह करीब 29 महीने से लंबित है और हम इसे मंजूरी देने की मांग करेंगे।

लोकसभा में वाईएसआरसी के नेता पी मिधुन रेड्डी ने कहा कि वे केंद्र से मांग करेंगे कि राज्य विधानमंडल से पारित दिशा विधेयक को मंजूरी दे। इसे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के उद्देश्य से लाया गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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