लखनऊः विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में 16 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने पर काम कर रहे हैं। राज्य के हर जिले में मेडिकल कॉलेज क्यों नहीं होने चाहिए? वकीलों को 5 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारें लोगों पर बोझ कम करने के बजाय खुद बोझ थीं। अब यूपी में बने पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर। हमने मुफ्त राशन, मुफ्त परीक्षण, मुफ्त टीके और मुफ्त दवाएं दीं, यही है 'सबका साथ, सबका विकास' का मतलब है। किसी ने कहा कि अगस्त में तीसरी लहर आएगी, किसी ने सितंबर में... हमने कहा कि हम वापस आएंगे, अपनी सरकार बनाएंगे और कोविड की तीसरी लहर को रोकेंगे। एक बात तय है कि आप में से कई (विपक्ष) वापस नहीं आएंगे।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2021 समेत आठ विधेयक पारित किये गये। इसके तहत मेरठ में राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय का नाम प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा जाएगा। सरकार ने अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए दी जाने वाली धनराशि की सीमा डेढ़ लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया है।
विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को विधानसभा में खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेंद्र तिवारी ने उत्तर प्रदेश राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 सदन के पटल पर रखा और कहा कि उत्तर प्रदेश के जिला मेरठ में सम्बद्धताकारी तथा अध्यापन क्रीड़ा विश्वविद्यालय के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि यह तय किया गया है कि इस क्रीड़ा विश्वविद्यालय का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा जाए जिनका भारतीय खेल के प्रति बहुत बड़ा योगदान है।
इसके अलावा विश्वविद्यालय के सुचारू रूप से संचालन के लिए वित्त अधिकारी का पद सृजित करने तथा उनके कार्य एवं उत्तरदायित्व को परिभाषित करने की भी विधेयक में व्यवस्था की गई है। गौरतलब है कि मेजर ध्यानचंद भारतीय हाकी टीम के पूर्व कप्तान थे और कई बार उनकी टीम ने ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था।
विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में उनकी गिनती होती है और उनकी जन्म जयंती को भारत में 'राष्ट्रीय खेल दिवस' के रूप में मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2021, उत्तर प्रदेश औद्योगिक शांति (मजदूरी का यथासमय संदाय) (संशोधन) विधेयक, 2021, उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक, 2021 और उत्तर प्रदेश राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया गया।
कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक, 2021 विधेयक में अधिवक्ता कल्याण निधि से किसी अधिवक्ता को भुगतान की जाने वाली धनराशि की अधिकतम सीमा डेढ़ लाख रुपये नियत थी जिसे बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया गया है। हालांकि विपक्षी समाजवादी पार्टी ने विधेयकों को प्रवर समिति को सौंपे जाने की मांग की लेकिन विधेयक के पक्ष में बहुमत होने की वजह से प्रवर समिति को सौंपे जाने का प्रस्ताव पारित नहीं हो सका।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश गन्ना (पूर्ति तथा खरीद विनियमन) (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2021, उत्तर प्रदेश शीरा नियंत्रण (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2021, उत्तर प्रदेश (चतुर्थ) निरसन विधेयक, 2021, और उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक, 2021 भी ध्वनि मत से पारित हो गया।