लखनऊः उत्तर प्रदेश में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। योगी सरकार के श्रम, रोजगार और समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। सपा में शामिल हो गए। मौर्य ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को इस्तीफा भेज दिया है। राजभवन के सूत्रों ने हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की।
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के तुरंत बाद, समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्विटर पर यूपी के पूर्व मंत्री के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए कहा, "लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्य जी और पार्टी के अन्य नेताओं, कार्यकर्ताओं का हार्दिक स्वागत और बधाई। जिन्होंने सामाजिक न्याय और समानता के लिए लड़ाई लड़ी! सामाजिक न्याय के लिए क्रांति होगी, बदलाव आएगा।"
स्वामी प्रसाद मौर्य के त्यागपत्र की प्रति सोशल मीडिया पर मंगलवार दोपहर बाद तेजी से वायरल होने लगी। मौर्य ने राज्यपाल को संबोधित अपने त्यागपत्र में लिखा है, '' मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों के प्रति घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।’’ इस सिलसिले में मौर्य से बातचीत का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। इस बीच, राजभवन से संपर्क करने पर एक प्रमुख अधिकारी ने बताया कि अभी मौर्य का त्यागपत्र राज्यपाल के यहां नहीं मिला है।
स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में शामिल हो सकते हैं। मौर्य बसपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 7 फरवरी से शुरू होकर 7 चरणों में होंगे, जबकि वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी। खबरों के मुताबिक बीजेपी के करीबी सूत्रों ने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य आगामी चुनाव में एक और सीट की मांग कर रहे थे, जिसके लिए पार्टी तैयार नहीं थी।