योगी ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया
By भाषा | Updated: November 4, 2020 21:47 IST2020-11-04T21:47:00+5:302020-11-04T21:47:00+5:30

योगी ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया
मधुबनी/पटना, चार नवंबर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई में टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के लिए कांग्रेस (महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सत्ता में शामिल) को जिम्मेदार ठहराया है।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मधुबनी जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए योगी ने आरोप लगाया कि यह गिरफ्तारी "अहंकार की संतुष्टि के लिए" की गई।
उन्होंने आरोप लगाया, "कांग्रेस ने हमेशा देश में लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की है। 1975 में आपातकाल लागू कर ऐसा ही किया गया था।"
उन्होंने गोस्वामी का नाम लिए बिना कहा, “आज देश के एक प्रमुख पत्रकार को गिरफ्तार किया गया है। यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है।"
रायगढ़ पुलिस ने मुंबई में गोस्वामी को एक इंटीरियर डिजाइनर को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया। 53 वर्षीय डिजाइनर ने रिपब्लिक टीवी द्वारा कथित तौर पर भुगतान नहीं किए जाने के चलते 2018 में आत्महत्या कर ली थी।
योगी ने कहा, "अपने कृत्यों से, कांग्रेस देश में अराजकता को बढ़ावा दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह वर्षों में जो हासिल किया है, कांग्रेस 55 वर्षों में करने में विफल रही है क्योंकि भाजपा उसके विपरीत पूरे देश को अपने परिवार के रूप में मानती है, कांग्रेस केवल एक परिवार (नेहरू-गांधी परिवार) की परवाह करती है।"
बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों में से एक योगी ने कहा, "हमें किसी को भी इस तरह से अराजकता फैलाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। कांग्रेस अपने ही लोगों के प्रति सख्त और घुसपैठियों के प्रति नरम रही है।"
इस बीच, समाचार चैनल के प्रधान संपादक गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर बिहार की राजधानी पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया, जिसे केरल के एक भाजपा सांसद के स्वामित्व वाला बताया जाता है।
भाजपा की बिहार इकाई के महासचिव और दीघा विधायक संजीव चौरसिया के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने पटना में कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम के सामने प्रदर्शन किया।
उन्होंने अर्नब की गिरफ्तारी के विरोध में नारे लगाए और उसके लिए महाराष्ट्र सरकार की निंदा की।
इस साल मई महीने में, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने घोषणा की थी कि उन्होंने इंटीरियर डिजाइनर की बेटी द्वारा शिकायत के बाद मामले में नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं।