दक्षिण कश्मीर में सेना की पहल पर तीन दशक बाद मनाया गया यौम-ए-रसूल मीर

By भाषा | Updated: March 17, 2021 18:37 IST2021-03-17T18:37:42+5:302021-03-17T18:37:42+5:30

Yeom-e-Rasool Mir celebrated after three decades at the initiative of the army in South Kashmir | दक्षिण कश्मीर में सेना की पहल पर तीन दशक बाद मनाया गया यौम-ए-रसूल मीर

दक्षिण कश्मीर में सेना की पहल पर तीन दशक बाद मनाया गया यौम-ए-रसूल मीर

अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर),17 मार्च दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के दोरू-शाहबाद में सेना ने बुधवार को तीन दशक से अधिक समय बाद 19वीं सदी के प्रसिद्ध शायर रसूल मीर की याद में 'यौम-ए-रसूल मीर' का आयोजन किया।

सेना के एक अधिकारी ने बताया कि इससे युवाओं को उनकी जड़ों, संस्कृति तथा कश्मीरियत से जुड़ने और सिर उठाकर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

19 राष्ट्रीय राइफल्स ने नागरिक प्रशासन की मदद से कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस दौरान लोकप्रिय गायकों, नृतकों तथा नाट्य कलाकारों ने प्रस्तुति दी और 'कश्मीर के जॉन कीट्स' के नाम से मशहूर रसूल मीर के कार्यों को रेखांकित किया।

कार्यक्रम में विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिग मेजर जनरल राशिम बाली ने शिकरत की।

मेजर जनरल बाली ने कार्यक्रम में काफी लोगों के एकत्रित होने पर प्रसन्नता प्रकट की।

उन्होंने कहा, ''रसूल मीर कश्मीर के महान शायर थे और उन्हें 'इमाम-ए-इश्कियां शायरी' (प्रेम पर आधारित शायरी का दिग्गज) कहा जाता है। आज के दिन यहां (दूरु) में कार्यक्रम आयोजित किये जाते थे, लेकिन आतंकवाद के पैर पसारने के चलते वह परंपरा रुक गई थी।

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Web Title: Yeom-e-Rasool Mir celebrated after three decades at the initiative of the army in South Kashmir

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