बंगाल में यास प्रभावित लोग भोजन और आश्रय की बाट जोह रहे हैं

By भाषा | Updated: May 27, 2021 21:08 IST2021-05-27T21:08:46+5:302021-05-27T21:08:46+5:30

Yas-affected people in Bengal are waiting for food and shelter | बंगाल में यास प्रभावित लोग भोजन और आश्रय की बाट जोह रहे हैं

बंगाल में यास प्रभावित लोग भोजन और आश्रय की बाट जोह रहे हैं

कोलकाता, 27 मई पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में बृहस्पतिवार को भी वर्षा जारी रहने के बीच सैकड़ों लोगों ने शिकायत की कि उन्हें भूखे सोना पड़ रहा है क्योंकि चक्रवात के बाद उनके घरों में पानी भरा हुआ है।

चक्रवात ‘यास’ बुधवार को ओड़िशा में धामरा के समीप तट पर पहुंचा था। उसने ओड़िशा एवं बंगाल में भारी तबाही मचायी और फिर झारखंड की ओर आगे बढ़ गया।

अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन जरूरतमंदों तक पहुंचने की भरसक कोशिश कर रहा है लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण कुछ क्षेत्रों में राहत कार्य में बाधा आ रही है।

दक्षिण 24 परगना जिले में सुंदरबन के कडूपारा गांव में कमर तक पानी भर गया और ऐसे में लोगों को अपने बच्चों के साथ घर से बाहर शरण लेनी पड़ी।

कडूपारा निवासी लक्ष्मी माझी ने कहा, ‘‘ प्रशासन की ओर से अब तक कोई हमें देखने नहीं आया.... मैं भूखे मर रही हूं, ये बच्चे भूखे मर रहे हैं।’’वह अपने घर के बाहर अपने तीन बच्चों के साथ खड़ी थी। उसके घर के आंगन में पानी भर गया है।

माझी ने कहा, ‘‘ हमें प्रशासन ने नजदीक के एक स्कूल शिविर में आने को कहा है। लेकिन हम कैसे जा सकते हैं? शिविर में पहुंचने में आधा घंटे लगेगा। अपना घर और अपनी चीजें छोड़कर मैं कैसे पानी भरी सड़कों पर अपने बच्चों के साथ तैर कर जा सकती हूं ?’’

उसी गांव के प्रवासी श्रमिक बापन लस्कर ने कहा कि लॉकडाउन के बीच पहले ही जरूरतें पूरा करना मुश्किल हो रहा था एवं चक्रवात ने तो मुसीबतें और बढ़ा दी हैं।

उसने कहा, ‘‘ मैं कोलकाता में राजमिस्त्री का काम करता हूं लेकिन कोविड-19 के चलते लगाये गये लॉकडाउन ने मेरी आजीविका छीन ली। ऊपर से इस चक्रवात ने मेरे घर को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचाया। मैं नहीं जानता कि मैं करू तो क्या करूं।’’

लस्कर के माता-पिता बीमार हैं और उसके साथ रहते हैं।

चक्रवात प्रभावित कुलटाली में ग्रामीण ऊंचे स्थानों पर लाइन में बिना मास्क के खड़े नजर आये। उधर, मूसलाधार बारिश के कारण जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है।

एक ग्रामीण ने कहा, ‘‘ समुद्र से नमकीन पानी तटबंध को तोड़कर घुस गया और हमारी फसलें नष्ट हो गईं जिसे हमने बड़ी मेहनत से लगाया था। इस क्षेत्र में करीब - करीब हर ग्रामीण मात्स्यिकी एवं कृषि पर आश्रित है । तालाबों एवं खेतों में नमकीन पानी भर जाने से यहां लोग अपने अनिश्चित भविष्य को लेकर बेहाल हैं।’’

कुलटाली के विधायक गणेश चंद्र मंडल ने हालांकि कहा कि आपदा प्रबंधन के कर्मी दक्षिण 24 परगना के प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ में फंसे लोगों को शिविरों तक पहुंचाने के लिए पहुंच गए हैं।

पूर्बा मेदिनीपुर के लोगों ने भी कुछ ऐसी ही परेशानियां बयां की। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में एक दीघा में तट पर जरूरी सामान एवं अन्य सामान बेचने वाली दुकानों की चीजें बाढ़ के पानी में तैरती नजर आयीं।

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Web Title: Yas-affected people in Bengal are waiting for food and shelter

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