चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत आने से पहले तमिलनाडु के महाबलीपुरम (स्थानीय तौर पर मलप्पुरम) को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है। शहर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 20 किलोमीटर के दायरे में 500 पुलिसवाले तैनात किए गए हैं। उनके अलावा दो उप-पुलिस अधीक्षक (डीएसपी), छह पुलिस इंस्पेक्टरों की तैनाती हुई है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की यह अनौपचारिक मुलाकात होगी। जिनपिंग दो दिन महाबली पुरम में बिताएंगे। वह 11 अक्टूबर को भारत पहुंचेंगे।
जिनपिंग के आने से पहले अस्थाई तौर पर महाबलीपुरम के प्रसिद्ध मंदिरों के लिए आम लोगों को पर्यटन करने से रोक दिया गया है। महाबलीपुरम के मंदिरों को सातवीं और आठवीं शताब्दी का माना जाता है, जिन्हें पल्लव वंश ने बनवाया था। ये मंदिर खास पत्थरों पर नक्काशी करके बनाए गए हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि जैसे कलाकारों ने पत्थरों पर कविता उकेर दी हो।
कहा जा रहा है कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग महाबलीपुरम के तीन मंदिरों में जा सकते हैं। महाबलीपुरम में स्मारकों के समूह में पांच रथ मंदिर, गुफा अभयारण्य और बंगाल की खाड़ी के तट के साथ संरचनात्मक मंदिर शामिल हैं। पल्लव युग के स्मारकों को यूनेस्को ने विश्व धरोहर माना है।
चेन्नई के करीब 2000 स्कूली बच्चे चीनी राष्ट्रपति के स्वागत में उनका मास्क पहनकर चीनी भाषा की लिपि में एक आकार बनाएंगे। इसका एक वीडियो सामने आया है।