खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ के चुनावों पर लगाई रोक, तदर्थ समिति गठन करेन का आदेश; सुप्रीम कोर्ट पहुंचे प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कही ये बात

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 25, 2023 08:13 IST2023-04-25T07:48:45+5:302023-04-25T08:13:13+5:30

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा को भेजे मंत्रालय के पत्र में कहा गया है, ‘‘... यह समझा जाता है कि कार्यकारी समिति (डब्ल्यूएफआई की) का चुनाव सात मई 2023 को निर्धारित किया गया है।

Wrestlers threaten to move Supreme Court Sports Ministry stays WFI elections | खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ के चुनावों पर लगाई रोक, तदर्थ समिति गठन करेन का आदेश; सुप्रीम कोर्ट पहुंचे प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कही ये बात

खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ के चुनावों पर लगाई रोक, तदर्थ समिति गठन करेन का आदेश; सुप्रीम कोर्ट पहुंचे प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कही ये बात

Highlightsपहलवानों ने सरकार से आरोपों की जांच करने वाली निगरानी समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की।पहलवानों ने कहा कि तीन महीने पहले अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करके उन्होंने गलती की थी। अगर हमने गलत आरोप लगाए हैं तो फिर हमारे खिलाफ जवाबी प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिएः प्रदर्शनकारी पहलवान

नयी दिल्लीः भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शनकारी पहलवानों अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें पहलवानों ने सर्वोच्च अदालत से कहा है कि वह बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे।

प्रदर्शनकारी पहलवानों ने सर्वोच्च अदालत से कहा है कि महिला पहलवानों की शिकायत के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं। इस बीच खेल मंत्रालय ने महासंघ के सात मई को होने वाले चुनावों पर रोक लगा दी और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति के गठन के लिए कहा।

तदर्थ समिति अपने गठन के 45 दिन के भीतर चुनाव कराएगी और डब्ल्यूएफआई का कामकाज भी देखेगी जब तक कि इस खेल संस्था को नई कार्यकारी समिति नहीं मिल जाती। धरने पर बैठे शीर्ष पहलवानों ने कहा कि उनका डब्ल्यूएफआई चुनाव से कोई लेना देना नहीं है और वे बृजभूषण के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों की उचित जांच की मांग के लिए दबाव बनाना जारी रखेंगे।

मंत्रालय का यह फैसला तब आया है जबकि तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया और विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट सहित देश के शीर्ष पहलवान रविवार को विरोध प्रदर्शन के लिए फिर से जंतर मंतर पहुंचे और सरकार से आरोपों की जांच करने वाली निगरानी समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की।

मंत्रालय ने आईओए को तदर्थ समिति के गठन के लिए कहा लेकिन यह खुलासा नहीं किया कि क्या निगरानी समिति ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को सही पाया या नहीं।  खेल मंत्रालय ने हालांकि अपने निर्देशों में कहा कि निगरानी समिति के निष्कर्षों के अनुसार डब्ल्यूएफआई के पास इस तरह की शिकायतों की जांच के लिए उचित व्यवस्था नहीं है और डब्ल्यूएफआई तथा पहलवानों के बीच संवाद की जरूरत है।

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा को भेजे मंत्रालय के पत्र में कहा गया है, ‘‘... यह समझा जाता है कि कार्यकारी समिति (डब्ल्यूएफआई की) का चुनाव सात मई 2023 को निर्धारित किया गया है। इस संबंध में, वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह आवश्यक है कि उक्त चुनाव प्रक्रिया को रद्द माना जाए और कार्यकारी समिति के नए चुनाव एक तटस्थ संस्था/ निर्वाचन अधिकारी के तहत कराए जाने चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘... आईओए को एक अस्थाई समिति या तदर्थ समिति का गठन करना चाहिए जो अपने गठन के 45 दिन के भीतर डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी परिषद का चुनाव कराए और डब्ल्यूएफआई के कामकाज का प्रबंधन करें जिसमें खिलाड़ियों का चयन और अगली कार्यकारी समिति के पदभार संभालने से पहले तक की अंतरिम अवधि के लिए अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में खिलाड़ियों की भागीदारी की प्रविष्टियां तैयार करना शामिल है।’’ मंत्रालय ने साथ ही खुलासा किया कि 23 जनवरी को गठित निगरानी समिति अब रद्द हो गई है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘निगरानी समिति ने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपी है और वर्तमान में इसकी जांच की जा रही है। कुछ प्रमुख निष्कर्षों में यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम, 2013 के तहत विधिवत गठित आंतरिक शिकायत समिति की अनुपस्थिति और शिकायत निवारण के लिए खिलाड़ियों के बीच जागरूकता के लिए पर्याप्त तंत्र की कमी शामिल है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘महासंघ और खिलाड़ियों सहित हितधारकों के बीच अधिक पारदर्शिता और परामर्श की आवश्यकता है। (और) महासंघ और खिलाड़ियों के बीच प्रभावी संवाद की आवश्यकता है।’’

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि वे 27 अप्रैल को अपनी कार्यकारी समिति की बैठक में इस मामले पर चर्चा करेंगे। उषा ने ट्वीट किया, ‘‘हमारी 27 अप्रैल को होने वाली कार्यकारी समिति की बैठक में डब्ल्यूएफआई में मौजूदा गतिरोध पर चर्चा होगी और कार्रवाई योग्य समाधान निकाला जाएगा। आईओए हमारे खिलाड़ियों और इसके खेल पारिस्थितिकी तंत्र की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है।’’

ओलंपियन विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक की अगुवाई वाले पहलवानों ने स्वीकार किया कि तीन महीने पहले अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करके उन्होंने गलती की थी। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी ने कहा कि उनकी कानूनी टीम उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर विचार कर रही है।

उन्होंने कहा,‘‘ अगर हमने गलत आरोप लगाए हैं तो फिर हमारे खिलाफ जवाबी प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।’’ इस बीच विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता धरना स्थल पर पहुंचे और पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाई। बजरंग ने कहा,‘‘ अब हम किसी की नहीं सुनेंगे। हम विरोध का चेहरा बनेंगे लेकिन अब हमारे गुरुजन और कोच हमारा मार्गदर्शन करेंगे।’’

विनेश ने कहा कि पिछली बार प्रदर्शन समाप्त करना गलती थी। उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार प्रदर्शन समाप्त करना गलती थी। अब हम किसी मध्यस्थ को स्वीकार नहीं करेंगे। अब हम किसी के बहकावे में नहीं आएंगे।’’ उन्होंने कहा,‘‘ हम सभी चाहते हैं कि पुलिस इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करें और इस मामले की जांच करे। हम स्वतंत्र भारत के नागरिक हैं और न्याय पाने के कई रास्ते हैं। क्या हमें कहीं से भी न्याय नहीं मिलेगा?’’

पहलवानों ने दावा किया कि वे डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन गए थे लेकिन पुलिस ने उनके आवेदन पर विचार करने से इंकार कर दिया। साक्षी ने कहा कि उन्हें बहकाया गया जबकि बजरंग ने कहा कि वह चाहते हैं कि खाप और अन्य संगठन उनके विरोध प्रदर्शन का समर्थन करें।

उन्होंने कहा,‘‘ पिछली बार हम प्रदर्शन को गैर राजनीतिक रखना चाहते थे लेकिन अब हम किसान संगठनों, महिला संगठनों और खाप का समर्थन चाहते हैं।’’ पिछली बार जनवरी में जब पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन किया था तब पूर्व पहलवान और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता बबीता फोगाट ने सरकार और पहलवानों के बीच मध्यस्थता की थी। लेकिन अब लगता है कि पहलवान बबीता के तरीके से खुश नहीं हैं जो अब सरकार के निगरानी पैनल का भी हिस्सा है। विनेश ने अपनी चचेरी बहन पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘हो सकता है कि वह अब कुश्ती से ज्यादा राजनीति से प्यार करती हो।’’

भाषा इनपुट

Web Title: Wrestlers threaten to move Supreme Court Sports Ministry stays WFI elections

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे