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विश्व पर्यटन दिवस: दिल्ली का ऐतिहासिक कोरोनेशन पार्क जलजमाव के कारण ‘बदहाल’ स्थिति में

By भाषा | Updated: September 27, 2021 19:37 IST

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(कुणाल दत्त)

नयी दिल्ली, 27 सितंबर कोरोनेशन पार्क में ऐतिहासिक राज्याभिषेक स्तंभ और राज युग की मूर्तियों के चारों ओर उगी हुई वनस्पतियां, लॉन और रास्ते बारिश के पानी से भरे हुए हैं। यह उस ऐतिहासिक पार्क का दृश्य है जहां 1911 में ‘नयी दिल्ली’ का जन्म हुआ।

इस स्थान का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि तीसरा दिल्ली दरबार इसी स्थान पर आयोजित किया गया था, जहां किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी को 12 दिसंबर 1911 को भारत के सम्राट और महारानी के रूप में राज्याभिषेक किया गया था और ब्रिटिश सम्राट ने राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरण करने की घोषणा की थी।

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के तहत आने वाला विशाल विरासत स्थल, बुराड़ी मैदान के बगल में स्थित है, जिस पर डीडीए का भी स्वामित्व है। नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने भारी सुरक्षा तैनाती के बीच इसी स्थान पर डेरा डाला था। मुख्य रूप से किसानों का प्रदर्शन दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में हो रहा है।

कोरोनेशन पार्क में ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा गार्डों ने कहा कि आगंतुकों को लंबे समय तक रूकने की अनुमति नहीं दी जा रही है क्योंकि अर्द्धसैनिक बल के जवान इसके परिसर की एक इमारत में ठहरे हुए हैं। हालांकि, डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संपर्क करने पर कहा, ‘‘ऐसा कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है। पार्क लोगों के लिए खुला है।’’

पिछले साल 15 दिसंबर को पीटीआई ने आगंतुकों द्वारा सामना की जाने वाली इसी तरह की कठिनाई की सूचना दी थी। डीडीए के अधिकारी ने तब कहा था, ‘‘पार्क के लॉन जनता के लिए खुले हैं। यह एक सार्वजनिक पार्क है और यह जनता के लिए है। हम कर्मचारियों को बताएंगे कि किसी को भी पार्क में घुसने से नहीं रोका जाए। कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।’’

किंग जॉर्ज पंचम और चार वायसराय-लॉर्ड हार्डिंग, लॉर्ड विलिंगडन, लॉर्ड इरविन और लॉर्ड चेम्सफोर्ड की संगमरमर से बनी भव्य प्रतिमाओं के आसपास मॉनसून की बारिश से जलजमाव हो गया है।

दिल्ली की विरासत के प्रति उत्साही 25 वर्षीय आस्था खन्ना रविवार को पार्क गई थीं, लेकिन एक अप्रिय अनुभव के साथ लौटीं। खन्ना ने कहा, ‘‘गार्डों ने हमें प्रवेश नहीं करने दिया और जब हमने उनसे इस पर आधिकारिक आदेश दिखाने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि कोई आदेश नहीं है। लोगों को यह जानने का अधिकार है कि किस कारण से प्रवेश प्रतिबंधित किया जा रहा है। खन्ना ने कहा, ‘‘बहुत इंतजार और अनुरोध करने के बाद, सिर्फ 10 मिनट के लिए पार्क देखने की अनुमति दी गई।’’

अपने सोशल मीडिया पेज के जरिए भारत के विरासत स्थल की जानकारी देने वाली खन्ना ने कहा कि ‘दिल्ली के जन्मस्थल’ को बदतर हालत में देखकर उन्हें काफी बुरा महसूस हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘कोरोनेशन पार्क की हालत पहले भी ठीक नहीं थी लेकिन कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लागू होने के बाद इसकी स्थिति और बदहाल हो गई।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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