नयी दिल्ली, एक फरवरी केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि सामाजिक सुरक्षा के लाभ गिग श्रमिकों एवं प्लेटफार्म पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी दिये जायेंगे ।
वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने गिग और प्लेटफार्म कामगारों, भवन और सन्निर्माण कर्मचारियों और अन्य की जानकारी एकत्र करने के लिये एक पोर्टल शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा है ।
गिग कर्मचारी संविदा पर काम करने वाले अस्थायी कर्मचारी होते हैं।
वित्त मंत्री के बजट भाषण की पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) द्वारा जारी अंग्रेजी और हिंदी विज्ञप्तियों में गिग शब्द के अर्थ को लेकर भ्रम की स्थिति बनी। पीआईबी द्वारा किये गये हिंदी अनुवाद में गिग का आशय नाव में काम करने वाले कर्मियों से था।
सीतारमण ने लोकसभा में अपने बजट भाषण में कहा कि गिग और प्लेटफॉर्म पर करने वाले कामगारों, भवन और सन्निर्माण कर्मचारियों और अन्य की जानकारी एकत्र करने के लिये पोर्टल तैयार किया जायेगा ताकि उन्हें स्वास्थ्य , ऋण (सरल वित्तपोषण), खाद्य और अन्य लाभ उपलब्ध कराये जा सकें ।
उन्होंने कहा कि पहली बार सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 में गिग कर्मियों एवं प्लेटफार्म पर काम करने वाले कामगारों समेत समूचे कार्यबल के लिये सामाजिक सुरक्षा का सार्वभौमिकीकरण किया जायेगा ।
इन वर्गों में आने वाले अस्थायी कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा लाभ जैसे प्रोविडेंट फंड, समूह बीमा और पेंशन से वंचित रहते हैं ।
भारत में 50 करोड़ के कुल कार्यबल में 40 करोड़ लोग असंगठित क्षेत्र के हैं जिनमें खेती और ग्रामीण कर्मचारी शामिल हैं ।
सीमारमण ने यह भी कहा कि एक देश , एक राशन कार्ड योजना 32 प्रदेशों और एक केंद्रशासित प्रदेश में लागू होने की प्रक्रिया में है ।
उन्होंने यह भी कहा कि लेह में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किया जायेगा जबकि गैर सरकारी संगठनों की मदद से सौ सैनिक स्कूल खोले जायेंगे । इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 15000 स्कूलों को मजबूत किया जायेगा।
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