लाइव न्यूज़ :

घर से कार्य की संस्कृति ने बदला काम करने का अंदाज

By भाषा | Updated: June 22, 2021 16:15 IST

Open in App

(मुस्कान अग्रवाल)

नयी दिल्ली, 21 जून पिछले साल कोविड-19 महामारी के दस्तक देने के बाद दफ्तर बंद करने को मजबूर हुई अनेक कंपनियों को घर से काम कराना पड़ा। अब, एक साल बाद धीरे-धीरे कर्मचारियों ने इस कार्य संस्कृति के अपनाना शुरू कर दिया है।

आईटी कंपनी में काम करने वाले मोहित गुप्ता अपने अनुभव साझा करते हुए कहते हैं कि घर से काम करने के लाभ और नुकसान दोनों हैं। ''एक ओर जहां इसने कार्य-जीवन के संतुलन को बर्बाद कर दिया है तो दूसरी ओर मुझ जैसे लोग शुक्रगुजार हैं क्योंकि इसकी वजह से मैं और मेरा परिवार सुरक्षित है। ''

माइक्रोसॉफ्ट के कार्य प्रवृत्ति सूचकांक 2021 जिसमें कहा गया है कि उधिक उत्पादकता की वजह से कार्यबल (कर्मियों) पर काम का बोझ बढ़ गया है, से सहमति जताते हुए गुप्ता कहते हैं, ''आज मुझे इतना काम था कि मैं नहा भी नहीं सका। दफ्तर के समय में वृद्धि हुई है और मैं सुबह नौ से रात 11 बजे तक काम में लगा रहता हूं, जिसकी वजह से मैं अपने परिवार को समय नहीं दे पाता। ''

गुप्ता (35) के पास लगभग 15 लोगों की टीम हैं। उन्होंने कहा कि कई कर्मचारियों के पास दफ्तर में मौजूद होने वाली सुविधाएं नहीं हैं। उन्होंने कहा, ''आईटी सेक्टर में होने के चलते हमें कई तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कुछ लोग तकनीक में माहिर नहीं तो कुछ के पास लैपटॉप नहीं है तो किसी के यहां इंटरनेट नहीं है। लिहाजा, दफ्तर से बाहर काम करने में कई मुश्किलें हैं। ''

उन्होंने कहा, ''लोग अब जूम कॉल्स, वीपीएन, एनीडेस्क जैसी तकनीकों से अवगत हुए हैं। इससे हम घरों में बैठकर काम कर पाते हैं। इन्होंने हमें भविष्य में भी घरों में रहकर काम करने की सुविधा प्रदान की है।''

एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका पायल के लिए घर के काम देखना, दो साल की बेटी को संभालना और ऑनलाइन कक्षाएं लेना बेहद थकाऊ हो जाता है। पायल के अनुसार विवाहित महिला के लिये घर से काम करना बेहद कठिन है।

वह कहती हैं, ''सुबह में घर का बहुत काम होता है और उस समय मुझे ऑनलाइन कक्षाएं भी लेनी पड़ती हैं। कभी-कभी मैं रसोई में काम करते हुए ई-वेबिनार सत्र में हिस्सा लेती हूं ।''

ट्रैवल कंपनी 'द टार्ज़न वे' के सीईओ शिखर चड्ढा ने एक नियोक्ता का दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा, ''शुरुआत में, घर से काम बहुत मुश्किल था क्योंकि हम इससे परिचित नहीं थे। फोन पर समन्वय स्थापित करना चुनौतीपूर्ण था लेकिन अंततः हमने इसे स्वीकार कर लिया।''

वह कहते हैं, ''लॉकडाउन पूरी तरह हटने के बाद हम हाइब्रिड मोड अपनाएंगे, जिसमें हम सप्ताह में दो दिन कार्यालय जाएंगे और अन्य दिनों में घर से काम करेंगे। इससे हमें दफ्तर की जगह का किराया बचाने में भी मदद मिलेगी। ''

चड्ढा घर से काम करने के फायदे रेखांकित करते हुए कहते हैं कि अब हम दुनिया के किसी भी कोने से कर्मचारी को नियुक्त कर सकते हैं। अब हमारे सामने कार्यस्थल पर उपस्थित होने और उसी शहर में निवास जैसी बाधा नहीं है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

टीवी तड़काBigg Boss 19 Winner: गौरव खन्ना बने 'बिग बॉस 19' के विजेता, फरहाना भट्ट को हराकर जीता खिताब

क्रिकेटवेंकटेश प्रसाद केएससीए प्रेसिडेंट चुने गए, सुजीत सोमसुंदर नए वाइस-प्रेसिडेंट बने

क्रिकेटअभ्यास छोड़ ‘बीच’ रिजॉर्ट में समय बिताएं खिलाड़ी, कोच ब्रेंडन मैकुलम ने कहा-करारी हार की वजह जरूरत से ज्यादा अभ्यास करना

भारतमहाराष्ट्र शीतकालीन सत्र: चाय पार्टी का बहिष्कार, सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति करने में विफल रही सरकार

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

भारत अधिक खबरें

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू

भारतकांग्रेस के मनीष तिवारी चाहते हैं कि सांसदों को संसद में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देने की आजादी मिले, पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र

भारतभाजपा के वरिष्ठ शाहनवाज हुसैन ने तेजस्वी यादव पर बोला तीखा हमला, कहा- नेता विपक्ष के नेता के लायक भी नहीं