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महिला शिक्षक संघ ने की तीन दिन के 'माहवारी अवकाश' की मांग

By भाषा | Updated: July 31, 2021 17:17 IST

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लखनऊ 31 जुलाई उत्तर प्रदेश की महिला शिक्षकों ने महिला केंद्रित समस्याओं के निवारण के लिए अपना अलग संघ बनाया है और तीन दिन के 'माहवारी अवकाश' की मांग करते हुए एक अभियान शुरू किया है।

उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की अध्यक्ष सुलोचना मौर्य ने शनिवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि सरकारी विद्यालयों में शौचालयों की खराब स्थिति को देखते हुए महिला शिक्षकों के लिये तीन दिन का 'माहवारी अवकाश' जरूरी है।

बाराबंकी जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में तैनात मौर्य ने कहा कि हमनें इस साल आठ फरवरी को महिला शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए 'उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ' का गठन किया। राज्य के प्राथमिक स्कूलों में तैनात कुल शिक्षकों में करीब 60 फीसद महिला शिक्षक हैं और प्रदेश के 75 जिलों में 50 जिलों में संघ की इकाई का गठन हो चुका है।

मौर्य ने कहा कि महिला शिक्षकों की कुछ विशिष्ट समस्याएं हैं जिन्हें केवल महिलाएं ही प्रभावी ढंग से उठा सकती हैं और संघ उन पर काम कर रहा है। यह पूछे जाने पर कि महिलाओं को शिक्षक संघ बनाने की जरूरत क्यों पड़ी, के जवाब में उन्होंने कहा कि पहले से गठित संघ में महिलाओं का प्रतिनिधित्व है लेकिन यह व्यावहारिक रूप से यह सिर्फ सजावटी है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे हमारे पुरुष समकक्षों के लिए गंभीर नहीं होते हैं।

मौर्य के अनुसार संगठन के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी से मुलाकात कर अपनी मांगों का एक ज्ञापन दिया और उन्होंने भरोसा दिया कि इस संदर्भ में वह मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे।

संघ की अध्यक्ष ने कहा कि हमने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से भी मुलाकात कर अपनी मांग रखी है। उन्होंने बताया कि हमने अपनी मांगों को लेकर एक अभियान शुरू किया है और इस समय ट्विटर पर “पीरियड लीव” हैश टैग नाम से एक अभियान चल रहा है और इसे महिलाओं ने लाखों की संख्‍या में री-ट्वीट करते हुए कहा है कि यह हमारा अधिकार है।

उन्होंने कहा, ''बिहार राज्य में इस तरह का अवकाश दिया जा रहा है, लालू प्रसाद यादव जब वहां के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने दो दिनों का विशेष अवकाश घोषित किया था, लेकिन हम लोग महिलाओं की विशेष जरूरत के कारण तीन दिन का अवकाश चाहते हैं।'' उन्होंने कहा कि ट्विटर पर अभियान के अलावा 50 जिलों के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन विधायकों समेत सभी जनप्रतिनिधियों को सौंपना शुरू कर दिया है। मौर्य ने कहा कि हम लोग जल्द ही इस संदर्भ में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर अपनी मांग रखेंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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