अकबर के खिलाफ बोलने वाली महिलाओं को खुशी मनाने की जरूरत है: रमानी ने अदालत में कहा
By भाषा | Updated: December 14, 2020 17:04 IST2020-12-14T17:04:29+5:302020-12-14T17:04:29+5:30

अकबर के खिलाफ बोलने वाली महिलाओं को खुशी मनाने की जरूरत है: रमानी ने अदालत में कहा
नयी दिल्ली, 14 दिसंबर पत्रकार प्रिया रमानी ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिलाओं को खुशी मनानी चाहिए, ना कि उन पर मानहानि के मुकदमे दर्ज होने चाहिए।
रमानी ने अकबर पर 20 साल पहले यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। अकबर ने उनके खिलाफ इस मामले में कथित तौर पर बदनाम करने के लिए आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की है। इसी मामले में अंतिम सुनवाई के दौरान रमानी ने यह दलील दी।
रमानी की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने अदालत में कहा कि ‘मी टू’ प्लेटफॉर्म पर बोलना अपराध नहीं है और यह बहुत साहस का काम है।
उन्होंने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार से कहा, ‘‘मी टू 2018 में भारत में सामने आया था। मी टू प्लेटफॉर्म पर बात रखना अपराध नहीं है। यह अत्यंत साहस का काम है जिसके लिए खुशी मनाई जानी चाहिए। इसके लिए किसी को मानहानि का सामना नहीं करना चाहिए।’’
जॉन ने कहा, ‘‘कई लोगों ने अतीत की घटनाओं के बारे में बोलकर अपने मन का बोझ हल्का किया है। वे दोषी नहीं हैं।’’
उन्होंने न्यायाधीश से कहा कि केवल रमानी ने ही नहीं बल्कि कम से कम 15 अन्य महिला पत्रकारों ने अकबर के खिलाफ ऐसे ही आरोप लगाये थे।
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