जब अवसर मिलता तो परिणाम देने में कोई कमी नहीं करती महिलाएं : निर्मला सीतारमण
By भाषा | Updated: August 21, 2021 14:40 IST2021-08-21T14:40:14+5:302021-08-21T14:40:14+5:30

जब अवसर मिलता तो परिणाम देने में कोई कमी नहीं करती महिलाएं : निर्मला सीतारमण
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ‘मिशन शक्ति’ के तीसरे चरण की शुरुआत शनिवार को की। 'मिशन शक्ति' के तीसरे चरण का यह अभियान 31, दिसंबर 2021 तक चलेगा। लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित 'मिशन शक्ति' के तीसरे चरण के समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए सीतारमण ने अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा,‘‘जब प्रोत्साहन मिलता है, अवसर मिलता है तो महिला उसमें शामिल होने में संकोच नहीं करती, शामिल होने के बाद परिणाम देने में भी कोई कमी नहीं करती है, यही महिला की विशेषता है।'' मुख्यमंत्री योगी के प्रयासों की सराहना करते हुए वित्तमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसे ऊर्जावान मुख्यमंत्री के रहने से ही राज्य प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सकता है। मुझे भरोसा है कि उत्तरप्रदेश तेजी से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा और उसमें महिलाओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका दिखेगी।’’ उन्होंने कहा,‘‘ उत्तरप्रदेश में ऐसे मुख्यमंत्री के रहते हुए महिलाओं का भविष्य बहुत उज्जवल है। उत्तरप्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था बनाने के लिए और महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए तथा संपूर्ण विकास के लिए मुख्यमंत्री लगातार प्रयास कर रहे हैं, उन्हें मैं हार्दिक बधाई देती हूं।’’ वित्तमंत्री ने कहा कि जहां हर गांव में बैंक पहुंचना संभव नहीं है, वहीं उत्तर प्रदेश अकेला ऐसा राज्य है जहां महिला को बैंक मित्र बनाकर और हर गांव में तैनात कर मुख्यमंत्री ने एक महत्वपूर्ण विचार को आगे बढ़ाया। सीतारमण ने कहा, ‘‘ गांव में कृषि पैदावार के स्टोरेज (भंडारण) के लिए केंद्र सरकार पैसे देती है, मैं सभी महिला स्वयं सहायता समूहों से अनुरोध करती हूं कि वे अपने गांवों में ऐसे स्टोरेज क्षमता बनाएं जिसमें उत्पादन को स्टोर किया जा सके और जब ज्यादा मुनाफा मिले तब वे उसे बेचे। इससे आपके हाथों में एक नया कारोबार आएगा और ज्यादा लाभ कमा सकोगी। ’’ पुरानी स्मृतियों को ताजा करते हुए उन्होंने कहा,''दक्षिण में कन्याकुमारी से मुंबई तक आनंदीबेन पटेल के साथ 18-19 साल पहले एक फ़लाइट में यात्रा की याद दिलाना चाहती हूं। तब आनंदीबेन पटेल गुजरात में शिक्षा मंत्री होती थीं। तब उन्होंने (आनंदीबेन पटेल) विस्तार से महिला शिक्षा के लिए किये गये प्रयासों की चर्चा की थी।’’ सीतारमण ने कहा, ‘‘ तब गजरात के गांवों में स्कूलों में बच्चियों को भर्ती करना बहुत मुश्किल था। मगर उनके (आनंदीबेन पटेल) द्वारा एक अभियान चलाया गया जिसमें पहले दिन हर साल स्कूल खोलने के वक्त गांवों में बच्चियों को हाथी या ऊंट के ऊपर बिठाकर बैंड बाजा के साथ स्कूल तक ले आते थे और पूरे गांवों के लोग खड़े होकर ये रोमांचक नजारा देखते थे। इससे लड़कियों को स्कूल में भर्ती करने का मिशन कामयाब हुआ और साक्षरता बढ़ी।'' उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्रित्व काल का प्रसंग सुनाते हुए बताया,‘‘उन्होंने (मोदी ने) पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी के लिए विशेष प्रयत्न किया। मोदी जी जब 2014 में मुख्यमंत्री पद छोड़कर प्रधानमंत्री बने तो दिल्ली आने से पहले मिले उपहारों की नीलामी कर कन्या शिक्षा के मद में दे दिया। मोदी जी की प्राथमिकता में महिला है, जनधन हो, उज्ज्वला योजना हो, स्वामित्व हो, पोषण अभियान हो या मुद्रा लोन हो, सबमें महिलाओं को ही अग्रणी स्थान मिला है। प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया तो अधिक से अधिक महिलाओं को मंत्री बनने का मौका दिया।'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयास से अधिक से अधिक टीके का उत्पादन हो रहा है और कोरोना काल में हम अधिक से अधिक लोगों को टीके की खुरका दे सकेंगे जिससे आर्थिक संकट से उबरने में मदद मिलेगी। टीकाकरण में गभर्वती महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है। समारोह के अध्यक्षीय उद़बोधन में उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हमारी किसी भी योजना के केंद्र में महिला होनी चाहिए और इस विषय को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति का शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ और केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं की सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,‘‘आधी आबादी को नजर अंदाज कर कोई भी समाज, कोई भी प्रदेश या देश समर्थ नहीं बन सकता है। नारी सशक्तिकरण का यह अभियान प्रदेश और देश को समर्थ बनाने का ही हिस्सा है।’’ उन्होने कहा, ‘‘आज राज्य के सभी 75 जिलों में मिशन शक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया है और हर जिले में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 75-75 महिलाओं को सम्मानित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का राज्य के 58 हजार ग्राम पंचायतों में सीधा प्रसारण किया जा रहा है जिससे माताओं-बहनों को शासन की योजनाओं की जानकारी मिल सके।’’ योगी ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद यंभाला तो जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को दिशा देने का कार्य किया और उसमें आधी आबादी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन कार्यक्रम को भी शामिल किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले उत्तरप्रदेश में असुरक्षा का भाव था और जब समाज में असुरक्षा का भाव हो तो स्वाभाविक रूप से उसका प्रभाव उसके सम्मान और स्वावलंबन पर पड़ता है। 2017 में सरकार (भाजपा) बनने के बाद असुरक्षा की मनोवृत्ति दूर करने के लिए नारी सुरक्षा का कार्यक्रम शुरू किया और उत्तरप्रदेश में मिशन शक्ति के दो चरण आगे की ओर तेजी से बढ़े। कोरोना प्रबंधन पर उन्होंने कहा कि 24 करोड़ की आबादी वाले उत्तरप्रदेश में आज सिर्फ कोरोना के 24 मामले आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा,''हमने डेढ़ लाख पुलिस की भर्ती की जिसमें तय किया कि इसमें 20 प्रतिशत बालिकाओं की भर्ती हो। आज से प्रदेश में दस हजार पुलिस बीटों पर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।’’ उन्होंने कहा,''पहले पुलिस में महिला भर्ती होती थी, लेकिन उन्हें फील्ड ड़यूटी देने से परहेज करते थे। उनके मन में एक भाव रहता था कि क्या हम पुरुषों से कम हैं। मुझे आज यह बताते हुए प्रसन्नता है कि दस हजार बीटों पर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। ये महिला पुलिसकर्मी महिलाओं की समस्याओं का समाधान करेंगी और सभी लोगों को सुरक्षा का अहसास कराएंगी।'' योगी ने कहा,''प्रदेश में हाल में पंचायत के चुनाव संपन्न हुए जिसके बहुत ही बेहतरीन परिणाम आये हैं। मुझे प्रसन्नता है कि पंचायत चुनाव में लगभग 54 फीसद स्थानों पर महिला प्रधान, 56 फीसद जिला पंचायत अध्यक्ष तथा 54 फीसद महिला ब्लाक प्रमुख चुनी गई हैं। महिला सशक्तिकरण का प्रयास सफल हो रहा है।'' उन्होंने कहा कि यह अभियान नारी सुरक्षा और स्वावलंबन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने रक्षा बंधन पर्व की महिलाओं को बधाई दी। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों द्वारा ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के अन्तर्गत 1.55 लाख बालिकाओं के खाते में धनराशि ऑनलाइन स्थानांतरित की गई। योजना के लिए 30 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। इसके पहले सात लाख 81 हजार बालिकाओं को लाभ दिया जा चुका है। इसमें बालिका के जन्म से लेकर उसकी पढ़ाई तक 15 हजार रुपये बालिका के नाम पर सरकार उपलब्ध कराती है और यह राशि छह चरणों में उनके खाते में दी जाती है। इसके अलावा, मिशन शक्ति के प्रथम व द्वितीय चरण में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाली 75 महिलाओं को निर्मला सीतारण द्वारा सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर 59 हजार ग्राम पंचायतों में ‘मिशन शक्ति कक्ष’ का शुभारम्भ और बदायूं में वीरांगना अवंतीबाई बटालियन के प्रांगण की आधारशिला रखी गई। इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा, वित्त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना महिला कल्याण राज्यमंत्री स्वाति सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी और डीजीपी मुकुल गोयल समेत कई प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे। अतिथियों का स्वागत करते हुए महिला कल्याण तथा बाल विकास व पुष्टाहार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में मिशन शक्ति की शुरुआत अक्टूबर (शारदीय नवरात्र) 2020 में हुई और आज महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भारी बदलाव आया है।
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