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महिला विधायकों ने हरियाणा विधानसभा की कार्यवाही संचालित की, किसानों के मुद्दे को लेकर हंगामा

By भाषा | Updated: March 8, 2021 20:41 IST

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चंडीगढ़, आठ मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सोमवार को हरियाणा विधानसभा की कार्यवाही महिला विधायकों ने संचालित की। हालांकि, किसानों के मुद्दे को लेकर इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंक झोंक हुई।

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने सदन की महिला सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए प्रश्न काल के बाद दिन की शेष कार्यवाही संचालित करने के लिए चार विधायकों के नाम की घोषणा की। इनमें सीमा त्रिखा (भाजपा), नैना सिंह चौटाला (जजपा), गीता भुक्कल (कांग्रेस) और किरण चौधरी (कांग्रेस) शामिल थीं।

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की शुरूआत भी महिला सदस्यों ने की। भाजपा सदस्य सीमा त्रिखा और जननायक जनता पार्टी सदस्य नैना चौटाला ने किसानों तथा महिलाओं के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाये गये कल्याणकारी कदमों का उल्लेख किया।

हालांकि, कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने किसानों के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर करारा प्रहार किया और उसे ‘‘असंवेदनशील’’ करार दिया।

उन्होंने उन किसानों की तस्वीरें भी दिखाईं, जिनकी केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के दौरान मौत हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बहनों से भाई छीन लिए और पत्नी से पति छीन लिए।

गीता ने कहा, ‘‘आपको इसके लिए शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए कि किसानों के लिए एक शब्द तक नहीं कहा गया। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘किसान निर्वाचित प्रतिनिधियों के समक्ष अपनी बात रखते रहें, लेकिन उनके पास उन्हें सुनने के लिए वक्त नहीं था। देश में, जहां ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा लगाया जाता है, वहां किसानों की यह दशा है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को अपना राज धर्म निभाना चाहिए तथा किसानों की मांगें पूरी करनी चाहिए। ’’

इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंत्री मूल चंद शर्मा, कंवर पाल और जे पी दलाल ने सरकार का बचाव करते हुए दावा किया कि वह किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लाई हैं।

संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल ने विपक्षी सदस्यों से पूछा कि उनके 10 साल के शासन काल में न्यूनतम समर्थन मूल्य में कितनी वृद्धि की गई थी।

कांग्रेस की शैली चौधरी ने कहा कि सरकार एक ओर जहां किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर काले कृषि कानून लेकर आती है।

उन्होंने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा, ‘‘जब किसानों की इन कानूनों की जरूरत नहीं थी, तब क्यों उसे उन पर थोप दिया गया।’’

किसानों के मुद्दे को लेकर हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार से समर्थन वापस ले चुके निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा, ‘‘इन कृषि कानूनों से किसानों को एक पैसे का भी फायदा नहीं है। ये कानून किसानों को बर्बाद कर देंगे।’’

वहीं, खट्टर सरकार का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक देवेंदर सिंह बबली ने सवाल किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र टोहाना से सौतेला बर्ताव क्यों किया जा रहा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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