कृषि कानूनों को वापस लेना ही एकमात्र समाधान है: प्रियंका

By भाषा | Updated: January 8, 2021 20:29 IST2021-01-08T20:29:42+5:302021-01-08T20:29:42+5:30

Withdrawal of agricultural laws is the only solution: Priyanka | कृषि कानूनों को वापस लेना ही एकमात्र समाधान है: प्रियंका

कृषि कानूनों को वापस लेना ही एकमात्र समाधान है: प्रियंका

नयी दिल्ली, आठ जनवरी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने शुक्रवार को किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत बेनतीजा रहने के बाद कहा कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लिया जाना ही इस मुद्दे का समाधान है क्योंकि इसके अलावा कोई दूसरा समाधान नहीं है।

पंजाब के उन कांग्रेस सांसदों ने प्रियंका से मुलाकात की जो केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध और प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में पिछले एक महीने से जंतर-मंतर पर खुले आसामान के नीचे धरने पर बैठे हुए हैं।

इस मुलाकात के बाद प्रियंका ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘किसानों और सरकार के बीच बातचीत का आज आठवां दौर खत्म हो गया। किसानों को आशा थी कि भाजपा सरकार अपनी कथनी के अनुसार किसानों का कुछ सम्मान तो करेगी लेकिन हुआ इसके ठीक उलट। वार्ता करने वाले मंत्री बैठक में देर से पहुंचे और बिल वापस न लेने की बात करते रहे। किसान सरकार के रुख से नाराज़ हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार आज जिस "आत्मनिर्भर" के नारे का झूठा ढोल पीट रही है, उस नारे को आत्मसात करते हुए किसानों ने हरित क्रांति में हिस्सा लेते हुए खाद्यान्न के मामले में बहुत पहले भारत को आत्मनिर्भर बना दिया था। किसानों के बिना इस देश की कल्पना भी नहीं की जा सकती।’’

कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ‘‘अन्न उगाकर पूरे देश का पेट भरने वाले किसान आज इन कानूनों की सच्चाई बताने सड़कों पर हैं। आज इस देश को ये सोचना है कि किसान कानून किसानों के खेत से बनेंगे या भाजपा सरकार के चंद अरबपति मित्रों के ड्रॉइंग रूम में। भाजपा सरकार का व्यवहार देखकर पूरा देश हैरान है।’’

प्रियंका ने कहा, ‘‘आज किसानों के समर्थन में धरने पर बैठे पंजाब के सांसदों से मैंने यही कहा कि हम बिल्कुल पीछे नहीं हटेंगे। हम किसानों के साथ हमेशा रहे हैं। बिल्कुल पीछे नहीं हटेंगे। समाधान यही है कि कानून वापस लें और कोई समाधान नहीं है।’’

गौरतलब है कि सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच तीन कृषि कानूनों को लेकर शुक्रवार को आठवें दौर की वार्ता बेनतीजा संपन्न हुई। सूत्रों के मुताबिक अगली बैठक 15 जनवरी को हो सकती है।

तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े किसान नेताओं ने शुक्रवार को सरकार से दो टूक कहा कि उनकी ‘‘घर वापसी’’ तभी होगी जब वह इन कानूनों को वापस लेगी। सरकार ने कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग खारिज करते हुए इसके विवादास्पद बिन्दुओं तक चर्चा सीमित रखने पर जोर दिया।

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