जयपुर, 20 सितंबर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि गुरु का सानिध्य व आशीर्वाद पाकर शिष्य गुरु से दो कदम आगे बना रह सकता है और इसका प्रयास गुरु द्वारा किया जाता है।
भागवत भीलवाड़ा शहर में एक धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा,‘‘ संतों का कार्यक्षेत्र आध्यात्मिक है जो कि सभी बातों का आधार है। हमारा कार्य क्षेत्र मुख्यतः भौतिक संसार है। संसार में एक दूसरे के साथ आत्मीयता महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ गुरु को अपने शिष्यों से दो कदम आगे रहकर उन सब सद्गुणों में अपने को एक आदर्श रूप में प्रस्तुत करना होता है। शिष्य को भी लगे की गुरु के सानिध्य में मैं खड़ा हूं तो मेरे सिर पर उनका हाथ है मैं पहले से कुछ ऊंचा उठ रहा हूं। अपने कारण दूसरों को कष्ट नहीं हो यही आचार है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।